Latest News

पौड़ी में दीनदयाल अन्त्योदय योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन इकाई की एक दिवसीय कार्यशाला


रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

देहरादून/पौड़ी/दिनांक 02 फरवरी, 2021 मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में आज विकास भवन सभागार, पौड़ी में दीनदयाल अन्त्योदय योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन इकाई की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को 15-15 दिन का सिलाई-बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके लिये प्रशिक्षक अन्य राज्यों से बुलाए जाएंगे, इससे महिलाएं घर पर ही रहकर विभिन्न स्वरोजगार परक कार्य अपनाकर अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकेंगी। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से कहा कि उच्च स्तर के मास्क बनाकर उन्हें अन्य शहरों में निर्यात करें। मुख्य विकास अधिकारी ने जनपद के विभिन्न विकासखंड़ों से आये स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार परक कार्यो के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि महिला समूह को बाजार की मांग के अन ुसार अपने उत्पादों को तैयार करना चाहिये, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में मास्क की बाजार में अधिक मांग है। कहा कि महिलाएं जो मास्क बनाये उसके लिए सही उत्पाद को चुनकर प्राकृतिक रंगों का प्रयोग कर आकर्षक पैंकिंग के साथ बाजार में उतारें। कहा कि मास्क को सही कीमत पर बेचें और प्रयास करें कि हर आयु वर्ग के लिये अलग-अलग तरह के मास्क हो। कहा कि महिलाएं सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसका प्रचार-प्रसार कर सकती हैं। उन्होंने उद्योग विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि महिलाओं के साथ मिलकर प्रचार-प्रसार करने में सहयोग करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह डिजाइनर मास्क बनाएं और उसकी गुणवत्ता बेहतर हो, जिससे की उन्हें बड़े शहरों में बिक्री के लिये भेजा जा सके। कार्यशाला में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने समूहों को अन्य कोर्स यथा ब्यूटी पार्लर, अचार प्रशिक्षण, बुनाई मशीन आदि का प्रशिक्षण भी देने की बात कही। महिलाओं ने कहा कि प्रशिक्षण विकासखंड़ो में दिलाया जाए, तो बेहतर होगा। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि महिलाओं को घर के पास की प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाएं पहाड़ में मौजूद संसाधनों से बने उत्पादों को अधिक महत्व दें, जिससे महिलाएं अपनी आर्थिकी के बढ़ाने के साथ पहाड़ी संस्कृति को भी बढ़ावा दे सकें।

Related Post