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मुख्यमंत्री किया निजमुला घाटी में ऐतिहासिक दुर्मी-गौणा क्षेत्र का भ्रमण


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को निजमुला घाटी में ऐतिहासिक दुर्मी-गौणा क्षेत्र का भ्रमण किया। दुर्मी ताल पहुॅचने पर निजमुला घाटी के क्षेत्रवासियों ने पारम्परिक ढोल नगाड़ों के साथ मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 03 फरवरी,2021, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को निजमुला घाटी में ऐतिहासिक दुर्मी-गौणा क्षेत्र का भ्रमण किया। दुर्मी ताल पहुॅचने पर निजमुला घाटी के क्षेत्रवासियों ने पारम्परिक ढोल नगाड़ों के साथ मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया। सरकार जनता के द्वारा के सिद्धान्त को सार्थक करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बुधवार को जनपद चमोली की एक ऐसी घाटी में पहुंचे जहां देश की आजादी के बाद से अब तक प्रदेश के किसी मुख्यमंत्री ने आना मुनासिब नहीं समझा। दुर्मी नाम की इस दुर्गम घाटी की जनता ने मुख्यमंत्री को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया था। बीते 9 नवंम्बर को राज्य स्थापना दिवस पर ऐेतिहासिक दुर्मी ताल के पुनर्निमाण की घोषणा किए जाने के एवज में जनता ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का सम्मान किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दुर्मी निजमुला घाटी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने समेत बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं से संबंधित लगभग एक दर्जन घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहाड़ की महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटाने की योजना बना रही है इस योजना को अमल में लाने के लिए आगामी बजट में धनराशि की घोषणा की जाएगी। इस योजना को अगले पांच वर्ष में पूरी तरह धरातल पर उतार दिया जाएगा। दरअसल दुर्मी घाटी में 14 ग्राम पंचायत शामिल है। घाटी की जनसंख्या लगभग 8000 है। विकास और बुनियादी सुविधाओं की दृष्टि से इस घाटी में अभी बहुत कुछ होना बाकी हे। यहां की जनता पिछले कर्ह वर्षो से सन 1970 की बाढ़ में टूट चुके दुर्मी ताल की मांग कर रही है। जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री जी पहले ही कर चुके हैं।

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