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11 एवं 16 फरवरी, 2021 के मौनी अमावस्या एवं बसंत पंचमी स्नान पर्व पर पुलिस व्यवस्था


इन दोनों स्नान पर्व की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु संपूर्ण मेला क्षेत्र को 09 जोन एवम 25 सेक्टरों (01 जीआरपी तथा 01 यातायात के सेक्टर सहित) में बांटकर पुलिस बल की ड्यूटी लगाई जा चुकी है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

इन दोनों स्नान पर्व की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु संपूर्ण मेला क्षेत्र को 09 जोन एवम 25 सेक्टरों (01 जीआरपी तथा 01 यातायात के सेक्टर सहित) में बांटकर पुलिस बल की ड्यूटी लगाई जा चुकी है। प्रत्येक जोन में प्रभारी अधिकारी के रूप में अपर पुलिस अधीक्षक और सेक्टरों में पुलिस उपाधीक्षक को नियुक्त किया गया है। 1. प्रथम जोन - हर की पैड़ी सेक्टर: हर की पैड़ी, हरिद्वार, मंशा देवी 2. द्वितीय जोन - गौरीशंकर सेक्टर: नील धारा, गौरीशंकर 3. तृतीय जोन - भूपतवाला सेक्टर: भीमगोडा, भूपतवाला, रायवाला, सप्तसरोवर 4. चतुर्थ जोन - पंतद्वीप सेक्टर : पंतद्वीप, लालजी वाला, रोड़ी, बेलवाला 5. पंचम जोन - कनखल सेक्टर : कनखल, बैरागी, दक्ष द्वीप 6. षष्ठम जोन - ज्वालापुर क्षेत्र सेक्टर : ज्वालापुर, रानीपुर, मायापुर 7. सप्तम जॉन - ऋषिकेश सेक्टर : ऋषिकेश, लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती, नीलकंठ 8. अष्ठम जोन - यातायात सेक्टर : सम्पूर्ण मेला क्षेत्र हाई वे 9. नवम जॉन - जीआरपी सैक्स्टर : जीआरपी स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं के गंगा में पैर फिसल कर बहने और डूबकर मृत्यु होने की घटनाओं पर अंकुश लगाए जाने हेतु जल पुलिस, SDRF और आपदा राहत दल की सम्मिलित ड्यूटी सभी आवश्यक उपकरणों और बोट सहित 06 संवेदनशील स्थानों पर लगाई गई है:- 1. हर की पैड़ी 2. भूमा निकेतन 3. प्रेमनगर आश्रम 4. जटवाड़ा पुल 5. नमामि गंगे घाट चंडी घाट 6. ऋषिकेश के मुख्य घाटों वर्तमान समय मे आतंकवादी घटनाओं के दृष्टिगत बम निरोधक दस्ते की 07 टीमों की ड्यूटी मेला क्षेत्र में लगाई गई है। उक्त टीमें किसी भी बम को निष्क्रिय करने के आधुनिक उपकरणों से लैस रहेंगी। मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने एवं शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिये घुड़सवार पुलिस की 02 शिफ्टों में 2-2 घोड़ों सहित 09 स्थानों पर तैनाती रहेगी। मेले के दौरान अग्निकांड से सुरक्षा के लिये अग्निशमन पुलिस की 15 टीमें हरिद्वार में और 05 टीमें ऋषिकेश क्षेत्र में संवेदनशील स्थानों पर समस्त अग्निशामक उपकरणों/वाहनों सहित 24 घण्टे पारी वार नियुक्त रहेंगी। मेला क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की विध्वंसक वस्तु अथवा अवैध अस्त्र-शस्त्र न ला सके इसके लिये विभिन्न स्थानों में अभिसूचना इकाई की कई अलग-अलग टीमें हैंड हेल्ड मैटल डिटेक्टर और डोर फ्रेम मैटल डिटेक्टर सहित दिन-रात चैकिंग-फ्रिस्किंग का कार्य करती रहेंगी। स्नान पर्व की भीड़ में अपने परिजनों से बिछुड़ कर गुम हो जाने वाले लोगों की खोजबीन के लिये 03 स्थानों 1. गंगा सभा प्रसारण केंद्र, 2. नगर नियंत्रण कक्ष, 3. रेलवे स्टेशन हरिद्वार पर खोया-पाया केंद्रों की व्यवस्था की गई है। सम्पूर्ण स्नान पर्व के दौरान मेला नियंत्रण भवन में संचार पुलिस बल के लगभग 96 अधिकारी-कर्मचारी मुस्तैदी से 24 घण्टे निर्बाध रेडियो संचार व्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व निभाएंगे। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को मुनि की रेती और ट्रैफिक ग्रिड सहित 05 ग्रिडों में विभाजित कर संचार व्यवस्था बनाई गई है। रेडियो संचार व्यवस्था के अतिरिक्त संचार पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरों के नेटवर्क को संभालने का कार्य भी किया जाएगा। मेला क्षेत्र में सतर्क दृष्टि बनाये रखने के लिये वर्तमान में मैपिंग किये गए 1150 निजी/ संस्थागत कैमरों के साथ-साथ 96 पुलिस कैमरों का प्रयोग भी किया जाएगा।

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