इस वरà¥à¤· गणतंतà¥à¤° दिवस पर तीसरे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¥ƒà¤¤ की गई उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤¾à¤‚की को गà¥à¥€ कैंट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विà¤à¤¾à¤— के मà¥à¤¯à¥‚जियम/आडिटॉरियम में रखा गया है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
इस वरà¥à¤· गणतंतà¥à¤° दिवस पर तीसरे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¥ƒà¤¤ की गई उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤¾à¤‚की को गà¥à¥€ कैंट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विà¤à¤¾à¤— के मà¥à¤¯à¥‚जियम/आडिटॉरियम में रखा गया है। राजà¥à¤¯ गठन के बाद उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अनेक बार पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤— किया गया परंतॠयह पहला अवसर है जब उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤¾à¤‚की को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¥à¤¤ किया गया। मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° सिंह रावत ने इसे राजà¥à¤¯ के लिठगौरव की बात बताते हà¥à¤ à¤à¤¾à¤‚की को संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विà¤à¤¾à¤— के मà¥à¤¯à¥‚जियम में संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किठजाने के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिठथे। सचिव परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व सूचना शà¥à¤°à¥€ दिलीप जावलकर ने गà¥à¥€ कैंट में बन रहे संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विà¤à¤¾à¤— के मà¥à¤¯à¥‚जियम/ आडिटॉरियम का निरीकà¥à¤·à¤£ कर à¤à¤¾à¤‚की को रखे जाने के लिठसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अधिकारियों को उकà¥à¤¤ à¤à¤¾à¤‚की के उचित रखरखाव के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिà¤à¥¤ राजपथ, नई दिलà¥à¤²à¥€ गणतंतà¥à¤° दिवस समारोह में सूचना विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ की ओर से “केदारखंड†की à¤à¤¾à¤‚की को पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ किया गया था। इसे लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ काफी सराहा गया था। à¤à¤¾à¤‚की के अगà¥à¤°à¤à¤¾à¤— में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का राजà¥à¤¯ पशॠ‘कसà¥à¤¤à¥‚री मृग‘ दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है जो कि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ के वनाचà¥à¤›à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ हिम शिखरों में 3600 से 4400 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ का राजà¥à¤¯ पकà¥à¤·à¥€ ‘मोनाल’ à¤à¤µà¤‚ राजà¥à¤¯ पà¥à¤·à¥à¤ª ‘बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤•à¤®à¤²â€™ दिखाया गया है जो केदारखणà¥à¤¡ के साथ-साथ उचà¥à¤š हिमालयी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में पाया जाता है। à¤à¤¾à¤‚की के मधà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤— में à¤à¤—वान शिव के वाहन नंदी को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है तथा साथ में केदारनाथ धाम में यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को यातà¥à¤°à¤¾ करते हà¥à¤ तथा शà¥à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤²à¥ को à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में लीन दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है। à¤à¤¾à¤‚की के पृषà¥à¤ à¤à¤¾à¤— में बारह जà¥à¤¯à¥‹à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤²à¤¿à¤‚गों में से à¤à¤• बाबा केदार का à¤à¤µà¥à¤¯ मंदिर दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है जिसका जीरà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤° आदिगà¥à¤°à¥‚ शंकराचारà¥à¤¯ ने कराया था तथा मंदिर परिसर में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤²à¥à¤“ं को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है साथ ही मंदिर को ठीक पीछे विशालकाय दिवà¥à¤¯ शिला को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है। दिलà¥à¤²à¥€ से à¤à¤¾à¤‚की को à¤à¤• सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² टà¥à¤°à¥‹à¤²à¤¾ में तीन दिन में देहरादून लाया गया। गौरतलब है कि गà¥à¥€ कैंट, देहरादून में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विà¤à¤¾à¤— का मà¥à¤¯à¥‚जियम/ऑडिटॉरियम निरà¥à¤®à¤¾à¤£à¤¾à¤§à¥€à¤¨ है। इसके बनने के बाद “केदारखंड†की à¤à¤¾à¤‚की, आम लोगो के लिठउपलबà¥à¤§ रहेगी।