पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤µà¤¾à¤¯à¥ आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ देने वाले जंगल आज अपने असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ बचाने के लिये संघरà¥à¤· कर रहे हैं।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤µà¤¾à¤¯à¥ आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ देने वाले जंगल आज अपने असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ बचाने के लिये संघरà¥à¤· कर रहे हैं। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· वनों को बचाने के उदेशà¥à¤¯ से 21 मारà¥à¤š कोअनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ वन दिवस मनाया जाता है लेकिन इसके बावजूद à¤à¥€ वन सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं हैं। संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° खादà¥à¤¯ और कृषि संगठन ने वनों के महतà¥à¤µ के विषय में जन जागृति हेतॠअनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ वन दिवस मनाने की सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ दी थी तà¤à¥€ से यह दिवस मनाया जाता है। वन à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ जीवित समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ है जहां विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ और वनà¥à¤¯ जीव à¤à¤• दूसरे पर निरà¥à¤à¤° होते हैं किनà¥à¤¤à¥ कà¥à¤› दशकों से अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• मानवीय हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª के कारण वनों का अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• दोहन हà¥à¤† है जिससे वन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में निरंतर कमी आयी है तथा परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¥€à¤¯ संकट में वृदà¥à¤§à¤¿ हà¥à¤ˆ है और समसà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व जैव समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को हानि हà¥à¤ˆ है जो चिनà¥à¤¤à¤¨à¥€à¤¯ है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· वनों में लगने वाली आग से जंगल नषà¥à¤Ÿ होते जा रहे हैं, जिसके साथ ही विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जनà¥à¤¤à¥ और वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ जातियां à¤à¥€ नषà¥à¤Ÿ हो रहे है। वे वन जो वायà¥à¤®à¤‚डल की जहरीली गैसों जैसे कारà¥à¤¬à¤¨ डाइऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡, कारà¥à¤¬à¤¨ मोनोऑकà¥à¤¸à¤¾à¤‡à¤¡, व कà¥à¤²à¥‹à¤°à¥‹à¤«à¥à¤²à¥‹à¤°à¥‹ कारà¥à¤¬à¤¨ को सोखकर धरती को जीवों के अनà¥à¤•à¥‚ल बनाते हैं आज संकट के दौर से गà¥à¤œà¤° रहे हैं। समय रहते हमें वनों को बचाने को आगे आना होगा । वनों को नषà¥à¤Ÿ होने से बचाना होगा साथ ही वनो को आग से बचाने के उपाय करने होंगे । इसके लिये वृहद रूप से जन जागृति फैलानी होगी ताकि वन सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रह सकें। वन सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहेंगे तà¤à¥€ हम सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहेंगे। यह बात अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ वन दिवस के मौके पर राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° व शैलेश मटियानी पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ रा0 इ0 का0 मनà¥à¤œà¤¾à¤•à¥‹à¤Ÿ चौरास टिहरी गढवाल में जीव विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ डा0 अशोक कà¥à¤®à¤¾à¤° बडोनी ने कही। डा0 बडोनी निरंतर परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं पर समाज को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करने का कारà¥à¤¯ करते रहते हैं ।