नारी ईशà¥à¤µà¤° की सबसे सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° कृति है। वह शकà¥à¤¤à¤¿ और सनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ का अदà¥à¤à¥à¤¤ समà¥à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤°à¤£ है। कà¥à¤› दà¥à¤°à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के कारण उसकी शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को दबाया गया और उसे à¤à¤• शोषित और उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ जीवन जीने पर मजबूर किया गया।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
नारी ईशà¥à¤µà¤° की सबसे सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° कृति है। वह शकà¥à¤¤à¤¿ और सनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ का अदà¥à¤à¥à¤¤ समà¥à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤°à¤£ है। कà¥à¤› दà¥à¤°à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के कारण उसकी शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को दबाया गया और उसे à¤à¤• शोषित और उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ जीवन जीने पर मजबूर किया गया। आज सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ बदली हैं। आज नारी ने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को पहचाना है और पà¥à¤°à¥‚षों ने à¤à¥€ उसकी राह के काà¤à¤Ÿà¥‹à¤‚ को बीनने तथा उसका मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ करने के लिठअथक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किठहैं।शकà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤°à¥‚पिणी नारी को उसकी वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का बोध कराने के लिठपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ शà¥à¤°à¥€ लोकेश नवानी जी ने महिला उतà¥à¤¤à¤°à¤œà¤¨ के बैनर तले à¤à¤• गोषà¥à¤ ी शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र में वाटिका à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯ के हाà¤à¤² में आयोजित की।गोषà¥à¤ ी की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ उमा घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤² ने की।गोषà¥à¤ ी में वरिषà¥à¤ साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤° डा0 विषà¥à¤£à¥à¤¦à¤¤à¥à¤¤ कà¥à¤•à¤°à¥‡à¤¤à¥€,वरिषà¥à¤ समाजसेवी अनिल सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€,यà¥à¤µà¤¾ समाजसेवी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤•à¤° बाबà¥à¤²à¤•à¤° मंचासीन सहयोगी के रूप में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ थे।कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ करते हà¥à¤ लोकेश नवानी ने महिला उतà¥à¤¤à¤°à¤œà¤¨ के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालते हà¥à¤ कहा कि नारी सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अपने असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को à¤à¥‚ल चà¥à¤•à¥€ है। उसने अपने -आपको पà¥à¤°à¥‚षों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाई हà¥à¤ˆ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ सीमाओं में बाà¤à¤§ लिया है।अपने मà¥à¤à¤¹ को सी दिया है और पैरों में बेडियों को धारण कर मूक पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ बने रहने में ही अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की इतिशà¥à¤°à¥€ समठरही है।उसकी राजनीतिक चेतना केवल वोट देने और पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤ªà¤¤à¤¿ या जिलापंचायत पति की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤šà¥à¤›à¤¾à¤¯à¤¾ बनने तक सीमित है। जनगीतों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गोषà¥à¤ ी की खूबसूरत शà¥à¤°à¥‚आत करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अब समय महिला के चà¥à¤ª रहने का नहीं है,वरनॠगरज कर अपनी बात कहने का है। गोषà¥à¤ ी में कवयितà¥à¤°à¥€ और शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾ राधा मैंदोली ने कहा कि विकसित सोच को महिलाà¤à¤ हाथों हाथ लेती हैं।हम जो à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® करें, उनमें महिलाओं की परेशानियों का अवशà¥à¤¯ जिकà¥à¤° करें,साथ ही साथ महिलाओं की काउंसिलिंग à¤à¥€ होनी चाहिठ। डा0 कविता à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने अपने वकà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ में महिला उतà¥à¤¤à¤°à¤œà¤¨ की पहल का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया।जयनà¥à¤¤à¥€ कà¥à¤‚वर ने कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ आवाज उठाने पर बल दिया। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गढ़वाली कवयितà¥à¤°à¥€ और शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾ आरती पà¥à¤£à¥à¤¡à¥€à¤° ने उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¥€ और इचà¥à¤›à¥à¤• महिलाओं को उतà¥à¤¤à¤°à¤œà¤¨ से जोड़ने पर बल दिया। माठफ़ाउनà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¤¨ से जà¥à¥œà¥€ ,कवयितà¥à¤°à¥€ और शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾ खणà¥à¤¡à¥‚ड़ी ने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ बनाने पर बल दिया और कहा कि परिवार का साथ मिलने पर ही महिला आगे बढ़ी है। रीजनल रिपोरà¥à¤Ÿà¤° की संयà¥à¤•à¥à¤¤ समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• गंगा असनोड़ा ने कहा कि सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के à¤à¥€à¤¤à¤° की जो आग और चेतना है ,उसे बाहर लाने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। चेतना के दà¥à¤µà¤¾à¤° खोले जाने चाहिठ। नारी को अपने हलकों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होना चाहिठ। जागरूकता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और कैसे हो यह जानना à¤à¥€ जरूरी है। पà¥à¤°à¤à¤¾à¤•à¤° बाबà¥à¤²à¤•à¤° ने सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤—ीदारी को उपयोगी बताया। डा0 कà¥à¤•à¤°à¥‡à¤¤à¥€ ने बताया कि नारी को अपनी शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को जानने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है।नारी की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर मनà¥à¤¥à¤¨ किया जाना चाहिये ।परिवरà¥à¤¤à¤¨ के लिठसजगता आवशà¥à¤¯à¤• है। अनिल सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि माठका संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ होना आवशà¥à¤¯à¤• है।इचà¥à¤›à¤¾à¤—िरि जैसी महिलाओं ने उस समय में समाजसेवा का कारà¥à¤¯ किया है,जब महिलाà¤à¤ बहà¥à¤¤ पीछें थीं। अनà¥à¤¤ में कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कर रहीं उमा घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤² ने कहा कि नारी अनादि काल से ही बनà¥à¤§à¤¨à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ रही है।इतना अवशà¥à¤¯ रहा कि उसका चेतन बनà¥à¤§à¤¨ में रह कर à¤à¥€ छटपटाता रहा और उसकी पीड़ा कà¤à¥€ गीतों के,कà¤à¥€ लोककथाओं के ,कà¤à¥€ पखाड़ों के माधà¥à¤¯à¤® से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ होती रही है।आज वह बाहर निकल रही है,आगे बढ़ रही है,किनà¥à¤¤à¥ अà¤à¥€ उसकी चेतना पूरà¥à¤£ रूप से खिली नहीं है।उसे जागरूकता की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है।राजनीति में उसे अà¤à¥€ उसका वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• मà¥à¤•à¤¾à¤® हासिल नहीं हà¥à¤† है। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में वकà¥à¤¤à¤¾à¤“ं के अतिरिकà¥à¤¤ विमला जोशी,मनोरम बनाई,नीलमरावत, निरà¥à¤®à¤²à¤¾ कणà¥à¤¡à¤¾à¤°à¥€,सà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ रावत,अंजना घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤², पूनम रतूड़ी,संगीता फारसी,कà¥à¤¸à¥à¤® खणà¥à¤¡à¥‚री,रिंकी बंगवाल,पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का असनोड़ा, अनीता काला,कविता रमोला,मकानी पंवार,रेखा चमोली,कमला देवी,सà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ कठैत आदि उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थीं।साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ परिवेश के कोषाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤¬à¥‹à¤§ पटवाल और पà¥à¤°à¤à¤¾à¤•à¤° का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को आयोजित करने में विशेष योगदान रहा।कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन लोकेश नवानी ने किया। शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र में महिला उतà¥à¤¤à¤°à¤œà¤¨ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को आगे बढाने के लिठउमा घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤² को अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· चà¥à¤¨à¤¾ गया। शीघà¥à¤° ही अनà¥à¤¯ सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को चयनित कर संसà¥à¤¥à¤¾ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को आगे बढ़िया जायेगा।