अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च निरà¥à¤®à¥‹à¤¹à¥€ अनी अखाड़े की हिमांगी सखी ने किनà¥à¤¨à¤° समाज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को किनà¥à¤¨à¤° अखाड़ा बनाठजाने पर कड़ी नाराजगी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 7 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¥¤ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च निरà¥à¤®à¥‹à¤¹à¥€ अनी अखाड़े की हिमांगी सखी ने किनà¥à¤¨à¤° समाज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को किनà¥à¤¨à¤° अखाड़ा बनाठजाने पर कड़ी नाराजगी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की है। बैरागी कैंप सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च निरà¥à¤®à¥‹à¤¹à¥€ अनी अखाड़े में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वारà¥à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ कहा कि अनादि काल से अखाड़े सिरà¥à¤« तेरह हंै और तेरह ही रहेंगे। अखाड़े के रूप में किसी को à¤à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ नहीं की जा सकती। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि किनà¥à¤¨à¤° à¤à¥€ समाज का अंग है। परंतॠपरंपराओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। जब किनà¥à¤¨à¤° समाज को संत समाज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपना लिया गया है और किनà¥à¤¨à¤° संत सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ संतों के साथ शाही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ à¤à¥€ कर रहे है,ं तब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना अलग से अखाड़ा बनाने की कà¥à¤¯à¤¾ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि कà¥à¤¯à¤¾ किनà¥à¤¨à¤° समाज को जूना अखाड़े का परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ सहयोग नहीं मिल पा रहा है। जो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को किनà¥à¤¨à¤° अखाड़ा घोषित कर रखा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जब संत समाज ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने हृदय से लगा लिया है तब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 14वें अखाड़े की कà¥à¤¯à¤¾ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। किनà¥à¤¨à¤° समाज संत समाज के साथ सहयोग कर सनातन धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करने में जà¥à¤Ÿà¥‡à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ नारायण तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी को 14वां अखाड़ा बनाने की कà¥à¤¯à¤¾ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। इसका जवाब जूना अखाड़े को à¤à¥€ देना चाहिà¤à¥¤ जब जूना अखाड़े ने किनà¥à¤¨à¤° समाज को अपनाया है अपने हृदय में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिया है। जूना अखाड़ा अपने आप में बहà¥à¤¤ बड़ा अखाड़ा है। किनà¥à¤¨à¤° समाज को किनà¥à¤¨à¤° अखाड़ा लिखने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं है। शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚च निरà¥à¤®à¥‹à¤¹à¥€ अनी अखाड़े के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त राजेंदà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¸ महाराज ने कहा कि आदà¥à¤¯ जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ शंकराचारà¥à¤¯ ने जिन तेरह अखाड़ों की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की है। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤²à¥€à¤à¤¾à¤‚ति परंपरांओं का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करते हà¥à¤ समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ किया जा रहा है। परंपरांओं से किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की छेड़खानी बरà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤¤ नहीं की जाà¤à¤—ी। महामंडलेशà¥à¤µà¤° सांवरिया बाबा ने कहा कि चैदहवें अखाड़े के रूप में किसी à¤à¥€ समाज को कतई सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं किया जाà¤à¤—ा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• देश में सà¤à¥€ को अपने बात रखने का अधिकार है। परंतॠकोई à¤à¥€ सामाजिक संगठन अथवा समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ यदि चैदहवें अखाड़े की मांग करता है तो वह सरासर गलत है। अनादि काल से परंपराओं का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करते हà¥à¤ तेरह अखाड़े ही धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° कर रहे हैं। जोकि विशà¥à¤µ विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ है और सरà¥à¤µ साकà¥à¤·à¥à¤¯ है। महामंडलेशà¥à¤µà¤° सांवरिया बाबा ने जानकारी देते हà¥à¤ यह à¤à¥€ बताया कि आगामी 10 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² को उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शà¥à¤°à¥€ चतà¥à¤° संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ का गदà¥à¤¦à¥€ नशीन अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· बनाया जाà¤à¤—ा। सà¤à¥€ तेरह अखाड़ों के संत महापà¥à¤°à¥à¤· की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में धूमधाम के साथ उनका पटà¥à¤Ÿà¤¾ अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• समारोह संपनà¥à¤¨ होगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि देश दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में धरà¥à¤® संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के लिठसंत समाज अगà¥à¤°à¤£à¥€ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ चला आ रहा है और धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की रकà¥à¤·à¤¾ करने वाले संत महापà¥à¤°à¥à¤· सदा à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देकर उनके कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ करते हैं। इस अवसर पर महंत नरेंदà¥à¤° दास, महंत महेश दास, महंत संत दास, हंस पीठाधीशà¥à¤µà¤° महंत रामचरण दास, महंत रामजी दास, महंत à¤à¤—वान दास खाकी, महंत मोहनदास खाकी, म.म.सांवरिया बाबा, महंत रामकिशोर दास शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ महंत राघवेंदà¥à¤° दास, महंत रामदास, महंत रामशरण दास, महंत हिटलर बाबा, महंत सà¥à¤–देव दास, महंत अगसà¥à¤¤ दास, महंत सिंटू दास आदि मौजूद रहे।