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पौड़ी में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के लिए ‘घौर की पछयाण नौनी कु नौ’


जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के लिए ‘घौर की पछयाण नौनी कु नौ’ कार्यक्रम का विधिवत् दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 9 अप्रैल 2021, संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह पौड़ी में आज जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के लिए ‘घौर की पछयाण नौनी कु नौ’ कार्यक्रम का विधिवत् दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में बालिकाओं की उनकी नाम से बनाई गई नेम प्लेट तथा बालिकाओं को वैष्णवी किट वितरित किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यक्रम को संचालित किए जाने का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। उन्होने जनपद के शिशु लिंगानुपात को दृष्टिगत रखत हुए कहा कि लागों में जागरूकता लाते हुए सुधार की आवश्यकता है जिसके लिए विद्यालयों में बालिकाओं की शिक्षा पर भी जोर देने की आवश्यकता है। साथ ही कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए अच्छा पोषण मिलना आवश्यक है और सभी को ध्यान रखना है कि अच्छा पोषण जन्म की पहले दिन से ही दिया जाए। कहा कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य समाज में फैले भेदभाव को समाप्त करने की अवधारणा से है। अभिभावकों का कर्तव्य है कि बच्चों को अच्छा पोषण देने के साथ-साथ उन्हें अच्छे संस्कार भी दे। जिलाधिकारी डा0 जोगदण्डे ने ‘घौर की पछयाण नौनी कु नौ’ कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के अभिनव कार्यक्रमों से समाज में फैले भेदभाव को दूर किया जा सकता है। जनपद में विभिन्न योजनाओं के तहत आशा कार्यकत्री, आंगनवाड़ी केंद्र, गर्भवती महिलाओं और बच्चों का परीक्षण करने के साथ उन्हें पोषण किट भी उपलव्ध कराते है किंतु संसाधनों के अभाव में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को सम्पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता है। उन्होंने ने संबंधित विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ियों में खून की जांच की सुविधा दी जाए, जिसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा पर सभी को जोर देना चाहिए, जितना महत्वपूर्ण बालक है उतनी ही महत्वपूर्ण बालिका भी है। कहा कि आज हर विकासखंड में इस तरह के आयोजन किए जा रहे हैं जिसमें प्रत्येक विकासखंड में कम से कम हजार नाम पट्टिका बालिकाओं के नाम से लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आवश्यक नहीं है कि बालिका के नाम पर ही नाम पट्टिका लगाई जाए। यह घर की माता, बहन और अन्य महिला के नाम से भी हो सकती है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संपूर्ण पोषण को गर्भवती महिलाओं तथा बच्चों तक पहुंचाना है। जिसके लिए सभी रेखीय विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यालयों में बालिकाओं की शिक्षा पर भी जोर देने की बात कही।

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