शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚चदशनाम जूना अखाड़ा नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚े का सबसे बड़ा अखाड़ा है,लेकिन इसकी à¤à¤• अनà¥à¤¯ विशेषता यह à¤à¥€ है कि महिला नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तथा महिला महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से à¤à¥€ यह सà¤à¥€ अनà¥à¤¯ अखाड़ो से बड़ा है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ शà¥à¤°à¥€à¤ªà¤‚चदशनाम जूना अखाड़ा नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚े का सबसे बड़ा अखाड़ा है,लेकिन इसकी à¤à¤• अनà¥à¤¯ विशेषता यह à¤à¥€ है कि महिला नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ तथा महिला महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से à¤à¥€ यह सà¤à¥€ अनà¥à¤¯ अखाड़ो से बड़ा है। जूना अखाड़ा ही à¤à¤• मातà¥à¤° सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ शैव अखाड़ा है जिसमें माईबाड़ा है,जहां नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की अलग छावनी लगती है, जिसकी समसà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नागा अवधूतनियों के हाथ में रहती है। जूना अखाड़े में शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ तथा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सामाजिक धारà¥à¤®à¤¿à¤• व अनà¥à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ महिला महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¥‹à¤‚ की बहà¥à¤¤ बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ है,जिसमें पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कà¥à¤®à¥à¤ परà¥à¤µ पर बà¥à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥€ होती रहती है। इसी शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला में हाल में ही अहमदाबाद गिर गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ की महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जयअमà¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि का नाम à¤à¥€ जà¥à¥œ गया है। महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जयअमà¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि ने जूना अखाड़े के अनà¥à¤°à¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संरकà¥à¤·à¤• व अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महामंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरिगिरि महाराज से विधिवत सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ की दीकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—राज में ली और हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° कà¥à¤®à¥à¤ परà¥à¤µ पर उनका महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° पद पर अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• जूना पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अवधेशानंद गिरि महाराज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ विषय में सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤•à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जयअमà¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ से पूरà¥à¤µ à¤à¤• बहà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कमà¥à¤ªà¤¨à¥€ में à¤à¤• बड़े ओहदे पर à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ थी तथा सामाजिक व धारà¥à¤®à¤¿à¤• गतिविधियों में विशेष रूचि रखती थी।। सिंधी समाज में वह काफी लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ थी,कà¥à¤› वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ वह जूना अखाड़े के महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ महेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि के समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• में आयी और उनकी पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से इसी वरà¥à¤· फरवरी में विधिवत सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ गà¥à¤°à¤¹à¤£ किया। उनके गà¥à¤°à¥‚ जूना अखाड़े के संरकà¥à¤·à¤• शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरिगिरि ने बताया महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जयअमà¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि को जूना अखाड़े की ओर से गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ सहित पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सनातन धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° तथा अखाड़े की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤—ति व विकास कारà¥à¤¯à¥‹ के लिठजिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ सौपी गयी है। जिसमें वह निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से नठकीरà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करेगी।