कà¥à¤®à¥à¤ मेला का दूसरा शाही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ आज बà¥à¤§à¥à¤µà¤¾à¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤†à¥¤ निरà¥à¤§à¤°à¤¿à¤¤ कà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° निरंजनी अखाड़ा,आनंद अखाड़े के साथ तय समय से पहले ही छावनी से हर की पैड़ी के लिठकूच कर गयी।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° कà¥à¤®à¥à¤ मेला का दूसरा शाही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ आज बà¥à¤§à¥à¤µà¤¾à¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤†à¥¤ निरà¥à¤§à¤°à¤¿à¤¤ कà¥à¤°à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° निरंजनी अखाड़ा,आनंद अखाड़े के साथ तय समय से पहले ही छावनी से हर की पैड़ी के लिठकूच कर गयी। निरंजनी अखाड़े के बाद जूना अखाड़ा के सथ आवाहन,अगà¥à¤¨à¤¿,दणà¥à¤¡à¥€ बाड़ा,माईबाड़ा तथा किनà¥à¤¨à¤° अखाड़ा à¤à¥€ निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ समय से पूरà¥à¤µ लगà¤à¤— 8बजे शाही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के लिठछावनी से निकल पड़ा। इस दूसरे शाही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ की विशेष बात यह रही कि शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤¿à¤°à¤‚जनी तथा शà¥à¤°à¥€ आनंद अखाड़े के सथ साथ जूना आवाहन,अगà¥à¤¨à¤¿,दणà¥à¤¡à¥€ बाड़ा तथा किनà¥à¤¨à¤° अखाड़े ने तय समय से पहले ही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर हर की पैड़ी बà¥à¤°à¤¹à¤®à¤•à¥à¤£à¥à¤¡ के घाट खाली कर दिà¤à¥¤ जूना अखाड़े का नहाने का समय 11बजकर 15मिनट से 11बजकर 45मिनट का था,लेकिन मेला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ तथा जूना अखाड़े के पदाधिकारियों की चतà¥à¤° रणनीति के चलते जूना अखाड़े ने 10बजकर45मिनट पर ही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर घाट खाली कर दिया। दरअसल 12अपà¥à¤°à¥ˆà¤² के शाही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ मे सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के समय को लेकर अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ हो गयी थी,जिसके चलते उदासीन अखाड़ा सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने के समय से करीब डेॠघणà¥à¤Ÿà¤¾ लेट हो गया,जिस कारण अखाड़े के संतो ने धरना दिया और सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° की धमकी दे डाली थी। इस घटना से सबक लेते हà¥à¤ मेला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ ने अखाड़ो से समनà¥à¤µà¤¯ बनाते हà¥à¤ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की थी,जिसमे वह पूरी तरह सफल रहा। आज जूना अखाड़े की जमात शाही सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के लिठसबेरे लगà¤à¤— 8बजे दà¥à¤ƒà¤–हरण हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ धà¥à¤°à¥à¤®à¤§à¥à¤µà¤œà¤¾ से सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के लिठनिकला। जमात में करीब तीन हजार अवधà¥à¥‚त नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹ ने जब दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ à¤à¤—वान की डोली तथा पूजà¥à¤¯ देवता सूरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ à¤à¥ˆà¤°à¤µ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ à¤à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ को लेकर हर हर महादेव के जयघोष से पूरा वातावरण गंूज रहा था। नागा सनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की फौज के पीछे जूना पीठाधीशà¥à¤µà¤° आचारà¥à¤¯ महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° अवधेशानंद गिरि महाराज का शानदार रथ चल रहा था,जिसके पीछे सà¥à¤®à¥‡à¤°à¥‚ पीठाधीशà¥à¤µà¤° शंकराचारà¥à¤¯ नरेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤‚द सरसà¥à¤µà¤¤à¥€,चाॅदी के सिंहासन पर विराजमान थे। इसी कà¥à¤°à¤® में महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° अरà¥à¤œà¥à¤¨à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज,जगदà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ पंचाननà¥à¤¦ गिरि,महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° आतà¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ यति,महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° यतिनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि,महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤·à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ नैसरà¥à¤—िका गिरि,महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° महेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि,महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° जयअमà¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि,महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° हिमायनयोगी वीरेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि,महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° विमलगिरि,महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° अनà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤‚द गिरि,निरà¥à¤®à¤¾à¤£ सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त शैलजा गिरि,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त विजय गिरि,आदि à¤à¤µà¥à¤¯ रथों पर सवार होकर चल रहे थे। उनके पीछे आवाहन,अगà¥à¤¨à¤¿ तथा किनà¥à¤¨à¤° अखाड़े चल रहे थे। पूरे शाही जमात को समय से तथा सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रूप से ले जाने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ अखाड़े के संरकà¥à¤·à¤• शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरिगिरि ने संà¤à¤¾à¤² रखी थी। बीती रात ही उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ अखाड़े के पदाधिकारियों सà¤à¤¾à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤—िरि उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त विदà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤‚द सरसà¥à¤µà¤¤à¥€,सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त मोहन à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त महेशपà¥à¤°à¥€,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त शैलेनà¥à¤¦à¥à¤° गिरि,वरिषà¥à¤ महामतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त केदारपà¥à¤°à¥€, थानापति नीलकंठगिरि,दूधेशà¥à¤µà¤° पीठाधीशà¥à¤µà¤° शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नारायण गिरि को शाही जà¥à¤²à¥‚स की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ सौप दी थी। बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के समय शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरिगिरि महाराज पूरे समय हर की पैड़ी बà¥à¤°à¤¹à¤®à¤•à¥à¤£à¥à¤¡ पर वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ संà¤à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ के लिठमौजूद रहे और निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ समय में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करवाकर सà¤à¥€ की वापिसी के लिठरवाना कर घाट खाली कराकर जमात के साथ धà¥à¤°à¥à¤®à¤§à¥à¤µà¤œà¤¾ पहà¥à¤šà¥‡,जहां दतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥‡à¤¯ चरणपादà¥à¤•à¤¾ पर पà¥à¤•à¤¾à¤° की गयी। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त हरिगिरि महाराज,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤—िरि महाराज,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त मोहन à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त महेषपà¥à¤°à¥€,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त विदà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤‚द सरसà¥à¤µà¤¤à¥€,शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त उमाशंकर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ ने सकà¥à¤¶à¤² सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो जाने पर मेला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ को बधाई देते हà¥à¤ उनके कà¥à¤¶à¤² पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन की सराहना की।