चतà¥à¤°à¥à¤¥ केदार à¤à¤—वान रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ की डोली शनिवार को गोपेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ गोपीनाथ मंदिर परिसर से कैलाश के लिठरवाना हो गई है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
चमोली 16 मई,2021,चतà¥à¤°à¥à¤¥ केदार à¤à¤—वान रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ की डोली शनिवार को गोपेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ गोपीनाथ मंदिर परिसर से कैलाश के लिठरवाना हो गई है। सीमित संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में à¤à¥‹à¤²à¥‡ अपने गà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤®à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ कैलाश को रवाना हà¥à¤à¥¤ 17 मई को बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤®à¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ में हिमालय के मखमली बà¥à¤—à¥à¤¯à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ के मधà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पंच केदार में शामिल à¤à¤—वान रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ के कपाट खोल दिठजाà¤à¤‚गे। रूदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ में à¤à¤—वान शिव के à¤à¤•à¤¾à¤¨à¤¨ मà¥à¤– के दरà¥à¤¶à¤¨ होते है। कपाट खà¥à¤²à¤¨à¥‡ के बाद अब अगले 6 माह तक रूदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ में à¤à¤—वान à¤à¥‹à¤²à¥‡à¤¨à¤¾à¤¥ की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ की जाà¤à¤—ी। आà¤à¥‚षणों और फूलों से सजी चतà¥à¤°à¥à¤¥ केदार रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ की उतà¥à¤¸à¤µ डोली पारंपरिक वादà¥à¤¯ यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ रवाना हà¥à¤ˆà¥¤ पिछले वरà¥à¤·à¥‹ तक सैकड़ों की संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤²à¥ उतà¥à¤¸à¤µ डोली के साथ जाते थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार à¤à¥€ गिनती के लोगों को ही अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ दी गई। इस दौरान मासà¥à¤• लगाकर सोशल डिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚सिंग का à¤à¥€ पूरा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखा गया। दो दिनों की कठिन पैदल यातà¥à¤°à¤¾ में उतà¥à¤¸à¤µ डोली का पहला पडाव पनार में रहेगा। इसके बाद अगले दिन डोली रूदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ के लिठरवाना होगी। à¤à¤—वान रूदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ के कपाट 17 मई को बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤®à¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ में खोले जाà¤à¤—े।