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स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के 70 वें वर्ष में प्रवेश के पावन अवसर पर वैश्विक प्रार्थना सभा का आयोजन


कोरोना महामारी के कारण जो इस धरा को छोड़कर देवलोक पधार गये उन सभी दिव्य आत्माओं की शान्ति हेतु ’वैश्विक प्रार्थना एवं विशेष हवन’’

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के 70 वें वर्ष के प्रवेश के पावन अवसर पर आयोजित ’वैश्विक प्रार्थना सभा’ का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। आॅनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से देश और विदेश से जुड़े पूज्य संतों, राजनेताओं, अभिनेताओं और भक्तों ने स्वामी को शुभकामनायें अर्पित की। स्वामी ने कहा कि हमने इस कोरोना के दौर में अनेक भाई-बहिनों और प्यारे बच्चों को खोया हंै प्रभु उन सभी को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। मृतकोें की आत्मा की शान्ति के लिये विशेष हवन एवं भण्डारा किया गया। तत्पश्चात स्वामी ने गौ पूजन एवं सेवा की और रूद्राक्ष के पवित्र पौधे का रोपण कर हरियाली संर्वद्धन का संदेश दिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि उदारता, सामंजस्यता, सहिष्णुता और प्रेम जीवन के ये चार आधार स्तंभ हैं, आज सम्पूर्ण मानवता और धरा को इसकी जरूरत है। आईये दृढ़ संकल्प लें कि गांवों और शहरों को हरा-भरा करने हेतु पौधा रोपण करेंगे, बंजर और खाली पड़ी जमीनों को बाग-बगीचों में बदलेगे, अपने आस-पास स्वच्छता रखंेगे, तालाबों और नदियों के तटों को स्वच्छ रखेंगे, शुद्ध शाकाहार अपनायंेगे और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे। अपनी धरा को समृद्ध बनाने में योगदान प्रदान करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष, ओम बिरला, ने परमार्थ निकेतन में पूज्य स्वामी के सान्निध्य में बितायेे पलों को याद करते हुये कहा कि परमार्थ निकेतन की गंगा आरती की स्मृतियां आज भी मन को अपार शान्ति का अनुभव कराती हंै। वैश्विक स्तर पर सनातन संस्कृति को पहुंचाने में स्वामी का अभूतपूर्व योगदान है। मेरी शुभकमनायें है आप स्वस्थ रहें और हम सब का मार्गदर्शन करते रहें। महाराष्ट्र के राज्यपाल माननीय भगत सिंह कोश्यारी जी ने स्वामी महाराज को विडियो संदेश के माध्यम से शुभकामनायें देते हुये कहा कि माँ गंगा की तरह निर्मल हृदय से स्वामी जी ने सनातन धर्म और संस्कृतियों के समन्वय का कार्य किया है। भारतीय परम्परा के हिसाब से प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण में उनका अद्भुत योगदान है। अगले वर्ष स्वामी के 70 वें जन्म दिवस तक परमार्थ परिवार और भक्तों द्वारा 70 हजार वृक्षों के रोपण का संकल्प लिया गया हैं, मेरा विश्वास है ये पौधे हमें नयी हवा देंगे। स्वामी जी के शब्द हमारे लिये हमेशा प्रेरणादायी होते हंै। जीवेम् शरदः शतम्। पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के सह-संस्थापक, आचार्य बालकृष्ण ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती (मुनि जी) के 69 वें प्राकट्य महोत्सव पर अनेक शुभकामनायें प्रदान करते हुये कहा कि आप ने इस धरा पर आकर भारतीय संस्कृति और मूल्यों से इस धरा को सींचा और पूरी दुनिया में सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। धरा के मित्र पूज्य स्वामी को अनन्त शुभकामनायें।

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