à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ परंपरा से बना रहे हम à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठपाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®: पà¥à¤°à¥‹. गेशे --हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के सहोदर हैं तिबà¥à¤¬à¤¤à¥€: पदम सिंह --तिबà¥à¤¬à¤¤ मसले पर यूà¤à¤¨ नकारा साबित: पà¥à¤°à¥‹. हरिकेश --मानवाधिकार हनन पर चीन को घेरने की जरूरत: तेनà¥à¥›à¤¿à¤¨ जॉरà¥à¤¡à¤¨
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
देहरादून। तिबà¥à¤¬à¤¤ के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥ दलाई लामा के 86वें जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤-तिबà¥à¤¬à¤¤ समनà¥à¤µà¤¯ संघ (बीटीà¤à¤¸à¤à¤¸) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित वेबिनार में तिबà¥à¤¬à¤¤ की निरà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ सरकार के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ पेनà¥à¤ªà¤¾ शà¥à¤°à¥ƒà¤‚ग का संघ को à¤à¥‡à¤œà¥‡ अपने विशेष वीडियो संदेश में कहा गया कि दलाई लामा जी की सà¤à¥€ चार पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾à¤“ं पर ततà¥à¤•à¤¾à¤² अमल किठजाने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है लेकिन चौथी सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है, जिसमें कहा गया है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की जà¥à¤žà¤¾à¤¨ संपदा से वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ पीढ़ी को जागरूक किठजाने की जरूरत है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बीटीà¤à¤¸à¤à¤¸ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा करते हà¥à¤ कहा कि तिबà¥à¤¬à¤¤ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के लिठपà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ कारà¥à¤¯ किठजाने की दिशा में इस संगठन के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ की सराहना की जानी चाहिà¤à¥¤ वेबीनार के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठमें सारनाथ, वाराणसी के केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ तिबà¥à¤¬à¤¤à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने दलाई लामा के जनà¥à¤® दिवस पर विशेष पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर उनके दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ की कामना की। विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹. गेशे नवांग सैमतेन ने अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि 1959 में चीन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जबरन कबà¥à¤œà¤¾ करने के बाद 80 हजार तिबà¥à¤¬à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ दलाई लामा à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आठऔर यहां आकर बस गà¤à¥¤ वह à¤à¤²à¥‡ ही कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से तिबà¥à¤¬à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठराजनीतिक पà¥à¤°à¤®à¥à¤– का काम नहीं कर रहे हैं लेकिन धारà¥à¤®à¤¿à¤•, सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• व आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• नेतृतà¥à¤µ के अंतरà¥à¤—त ही वह पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को व नैतिकता, करà¥à¤£à¤¾ व शांति का मारà¥à¤— दिखा रहे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि दलाई लामा के जीवन से हमें पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से लेनी चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ विदà¥à¤¯à¤¾ परंपरा को दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सबसे समृदà¥à¤§ विदà¥à¤¯à¤¾ मानते हà¥à¤ कहते हैं कि यही आज à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आधà¥à¤¨à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ से आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ आ सकती है लेकिन यहां की जà¥à¤žà¤¾à¤¨ परंपरा से सà¥à¤–, शांति व साधना की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होगी। पà¥à¤°à¥‹ गेशे ने कहा कि परमॠपावन के मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨à¥‹à¤‚ को समाहित करके यह विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ककà¥à¤·à¤¾ नवीं तक के à¤à¤• नैतिक पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की रचना कर रहा है। ककà¥à¤·à¤¾ तीन तक का काम पूरा हो गया है। बाकी पर काम चल रहा है। दिलà¥à¤²à¥€ सरकार ने इसे अपने यहां लागू किया है लेकिन पूरे देश में यह लागू किठजाने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक संघ के पशà¥à¤šà¤¿à¤® उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤®à¥à¤– पदà¥à¤® सिंह जी ने इस अवसर पर हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° से जà¥à¤¡à¤¼à¤¤à¥‡ हà¥à¤ कहा कि संघ और दलाई लामा के कारà¥à¤¯ à¤à¤• ही हैं। वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤‚बकम की à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से हम दोनों ही यह कारà¥à¤¯ कर रहे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि तिबà¥à¤¬à¤¤à¥€ हमारे अनà¥à¤œ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ सहोदर है। यही कारण है कि 1951 में "हिंदी चीनी, à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¤¾à¤ˆ" का नारा लग रहा था और ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ संघ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– गà¥à¤°à¥ गोलवलकर जी ने खतरे को पहले ही à¤à¤¾à¤—ते हà¥à¤ तिबà¥à¤¬à¤¤ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिठआगाह कर दिया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि तिबà¥à¤¬à¤¤ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ को लेकर संघ के तृतीय पà¥à¤°à¤®à¥à¤– बालासाहेब देवराज जी व चतà¥à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रजà¥à¤œà¥‚ à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ मà¥à¤–र थे। रजà¥à¤œà¥‚ à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ व वरिषà¥à¤ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• अधीश जी के योजनाबदà¥à¤§ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का ही परिणाम है कि संघ तिबà¥à¤¬à¤¤ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के लिठऔर तेजी से आगे आकर बात करने लगा है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤- तिबà¥à¤¬à¤¤ समनà¥à¤µà¤¯ संघ उसी नीति अनà¥à¤°à¥‚प कारà¥à¤¯ करते हà¥à¤ अà¤à¥€ इसी वरà¥à¤· जनवरी, 2021 में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हà¥à¤† है लेकिन उसकी गति व पà¥à¤°à¤—ति देखकर सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है कि अब चीन के विरà¥à¤¦à¥à¤§ निरà¥à¤£à¤¾à¤¯à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ शीघà¥à¤° बनेगी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि दलाई लामा को बोधिसतà¥à¤µ का अवतार मानते हैं और बोधिसतà¥à¤µ को à¤à¤—वान बà¥à¤¦à¥à¤§ का और à¤à¤—वान बà¥à¤¦à¥à¤§ को विषà¥à¤£à¥ का अवतार हम मानते हैं इसलिठतिबà¥à¤¬à¤¤à¥€ और हम à¤à¤• हैं, यह à¤à¤¾à¤µ तिबà¥à¤¬à¤¤ और à¤à¤¾à¤°à¤¤ को à¤à¤• करता है। जयपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ नारायण विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पूरà¥à¤µ वीसी पà¥à¤°à¥‹. हरिकेश सिंह ने कहा कि तिबà¥à¤¬à¤¤ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ है। यही मूल मंतà¥à¤° को सामने रखकर कारà¥à¤¯ करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि लोकनायक जयपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ नारायण, राम मनोहर लोहिया, पंडित दीनदयाल उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯, मधॠलिमये और जॉरà¥à¤œ फरà¥à¤¨à¤¾à¤‚डिस ने अपने काल में ही तिबà¥à¤¬à¤¤ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ को इसीलिठजरूरी समà¤à¤¾ था। पà¥à¤°à¥‹. सिंह ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ नेपाल व तिबà¥à¤¬à¤¤ के लोग आपस में सहोदर है और मौलिक सनातन का सà¥à¤µà¤°à¥‚प यही देखने को मिलता है। यही पैन-सनातनिजà¥à¤® है और इसी को आगे बढ़ाने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है हालांकि तिबà¥à¤¬à¤¤ को चीन ने हड़प कर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में सबसे पवितà¥à¤° व संवेदनशील तिबà¥à¤¬à¤¤à¥€ लोगों पर अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° शà¥à¤°à¥‚ किठलेकिन विशà¥à¤µ मंच पर चीन के विरà¥à¤¦à¥à¤§ कोई ओरà¤à¤¾à¤µà¥€ सà¥à¤µà¤° न उठा। संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¥€ नाकारा साबित हà¥à¤† लेकिन निरनà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किठजाने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। तिबà¥à¤¬à¤¤ सरकार के दिलà¥à¤²à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ समनà¥à¤µà¤¯ केंदà¥à¤° के उप समनà¥à¤µà¤¯à¤• तेनà¥à¥›à¤¿à¤¨ जॉरà¥à¤¡à¤¨ ने कहा कि दलाई लामा तो विशà¥à¤µ के लिठमैतà¥à¤°à¥€ व करà¥à¤£à¤¾ के साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ धरोहर हैं लेकिन चीन का तिबà¥à¤¬à¤¤ पर जबरन आधिपतà¥à¤¯ किठजाने से जो मानवाधिकार का हनन तिबà¥à¤¬à¤¤à¥€ मूल के लोगों पर हà¥à¤† है, वह दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को देखने की जरूरत है। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ तीरथ सिंह रावत की पतà¥à¤¨à¥€ डॉ रशà¥à¤®à¤¿ तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी रावत à¤à¥€ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® से जà¥à¥œà¥€à¤‚ लेकिन नेटवरà¥à¤•à¤¿à¤‚ग समसà¥à¤¯à¤¾ से उनका उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ न हो सका। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन शिमला से अखिलेश पाठक ने और अतिथियों व पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ियों का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ वाराणसी के विवेक सोनी ने किया। गूगल मीट पर आयोजित सेमिनार में दलाई लामा पर आधारित दो लघॠफिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ à¤à¥€ दिखाई गई। वेबिनार में केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ संयोजक हेमेनà¥à¤¦à¥à¤° तोमर, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महामंतà¥à¤°à¥€à¤¦à¥à¤µà¤¯ अरविंद केसरी, विवेक मान के अलावा अनà¥à¤¯ पदाधिकारियों में पà¥à¤°à¥‹. राघवेंदà¥à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, महेश नारायण तिवारी, गजानन जोशी, करà¥à¤¨à¤² राजेश तंवर आशीष देवगन, à¤à¤¾à¤—वत पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ पांडेय, मनीषा मà¥à¤‚ढे, पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ महामंतà¥à¤°à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड मनोज गहतोड़ी, आशà¥à¤¤à¥‹à¤¶ गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, पà¥à¤°à¤–र तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी, मà¥à¤•à¥‡à¤¶ तिवारी, अनिता जे सिंह, डॉ सोनी सिंह सहित लगà¤à¤— 340 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤—ी जà¥à¤¡à¤¼à¥‡à¥¤