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ग्राम्य विकास पलायन आयोग सदस्य ने पौड़ी मे जनपद का स्थलीय निरीक्षण करने के उपरान्त जनपद स्तरीय बैठक ली


उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास पलायन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार ग्राम्य विकास पलायन आयोग सदस्य दिनेश रावत द्वारा आज विकास भवन सभागार पौड़ी मे जनपद का स्थलीय निरीक्षण करने के उपरान्त जनपद स्तरीय बैठक ली गई।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी दिनांक 27 जुलाई, 2021, उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास पलायन आयोग के दिशा-निर्देशानुसार ग्राम्य विकास पलायन आयोग सदस्य दिनेश रावत द्वारा आज विकास भवन सभागार पौड़ी मे जनपद का स्थलीय निरीक्षण करने के उपरान्त जनपद स्तरीय बैठक ली गई। बैठक में विभिन्न विभागों की कार्यप्रगति के संबंध में तथा पलायन को रोकने हेतु विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोरोना काल में अपने घर वापस लौटे प्रवासियों को किस प्रकार से स्वरोजगार से जोड़ा जाये, यह देखना सुनिश्चित करें। उन्होंने उद्यान विभाग के प्रति नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि काश्तकारों को मधुमक्खी बॉक्स के साथ मधुमक्खी भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। कहा कि सरकार द्वारा रोजगार के कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनको धरातल पर उतारने के लिए जागरूक किया जाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ब्लॉक एवं न्याय पंचायत स्तर पर जाकर प्रवासियों से सम्पर्क कर उन्हें सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं से अवगत करायें तथा लाभ पहुंचायें। कहा कि विभागवार नोटिंग तैयार करें तथा काश्तकारों की समस्याओं का समाधान करें। कहा कि टीम भावना के साथ कार्य करते हुए जनपद स्तरीय समस्याओं का निस्तारण जनपद में ही करना सुनिश्चित करें। कहा कि काश्तकारों द्वारा जिस योजना/कार्य हेतु धनराशि ली जाती है, संबंधित द्वारा पांच साल तक काम किया जायेगा, संबंधी शपथ पत्र ले लिया जाय। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्लॉक एवं न्याय पंचायत स्तर पर 05 उत्कृष्ट कार्य करने वाले काश्तकारों का चयन कर मनरेगा के तहत पुरस्कार दिया जाना चाहिए, इससे उनमें उत्साहवर्धन बढ़ेगा। उन्होंने समस्त विभागीय अधिकारियों के सम्पर्क नम्बरों की सूची भी उपलब्ध कराने को कहा। मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने कहा कि मनरेगा के माध्यम से कनवर्जन में कार्य किये जा रहे हैं। आजीविका पैकेज के अन्तर्गत लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें वातानुकूलित औषधि और सघन उत्पाद को महत्व दिया जा रहा है। इसके साथ ही वाटर कंजरवेशन, जल संरक्षण तथा प्राथमिक/सेवा क्षेत्र में कार्य करने पर फोकस किया जा रहा है। काश्तकारों को योजनाओं की जानकारी एवं समस्याओं के निस्तारण हेतु कॉल सेंटर भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कीवी उत्पादन हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में 47 हेक्टियर का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें महिला समूह को भी जोड़ा जा रहा है।

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