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चमोली जिला योजना से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर किसान समूहों को चेन लिंक घेरबाड की सुविधा


राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित ‘‘माॅ नन्दा ग्राम संगठन’’ द्वारा किया जा रहा है, जिसमें 10 समूहों की लगभग 90 महिला सदस्य काम कर रही है।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 31 जुलाई,2021, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने शनिवार को निजमुला घाटी के ब्यारा गांव में स्थित खाद्य प्रसंस्करण ईकाई का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने महिला समूह की सदस्यों से बात करते हुए प्राथमिक कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण कर अच्छी पैकिंग के साथ उनका मूल्यबर्धन करने पर जोर दिया। ताकि समूह की महिलाओं को इसका अच्छा लाभ मिल सके। महिला समूह से प्रसंस्करण ईकाई की गतिविधियों की जानकारी लेते हुए जिलाधिकारी ने मौके पर उनकी समस्याओं का समाधान भी किया। कृषि विभाग के माध्यम से जिला योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 80 प्रतिशत सब्सिडी पर ब्यारा में प्रसंस्करण ईकाई स्थापित की गई। जिसमें धान मिल, दाल ग्रेडर व पाॅलिसर, डी-हस्कर, आटा चक्की, मसाला चक्की, आॅयल एक्सप्लेयर और पैकेजिंग मशीनें लगाई गई है। इस प्रसंस्करण ईकाई का संचालन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित ‘‘माॅ नन्दा ग्राम संगठन’’ द्वारा किया जा रहा है, जिसमें 10 समूहों की लगभग 90 महिला सदस्य काम कर रही है। जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देश दिए कि प्रसंस्करण ईकाई के अच्छे से संचालन हेतु समूह की महिलाओं का निरतंर मार्गनिर्देशन करें। समूह की महिलाओं को ही मशीनों के संचालन हेतु प्रशिक्षित किया जाए। स्थानीय उत्पादों की अच्छी पैकिंग एवं ब्रान्डिंग कर मूल्य संवर्धन करें। ताकि महिला समूहों को अच्छा लाभ मिल सके। जिलाधिकारी ने कहा कि ब्यारा में स्थापित प्रसंस्करण ईकाई को हर दिन खुला रखे तथा लोगों की सुविधा के लिए यहां पर संपर्क नंबर भी चस्पा करें। उन्होंने प्रसंस्करण ईकाई का प्रचार प्रसार करने तथा आसपास गांवों की अन्य महिला समूहों से भी स्थानीय उत्पादों को लेकर यहां पर प्रसंस्करण करने की बात कही। जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों की फसलों को चेन लिंक घेरबाड से जंगली जानवरों से सुरक्षित किया जा सकता है। इसके लिए जिला योजना से 80 प्रतिशत सब्सिडी पर किसान समूहों को चेन लिंक घेरबाड की सुविधा दी जा रही है। कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित किसान समूहों से चेन लिंक घेरबाड हेतु अधिक से अधिक आवेदन कराए। ताकि जंगली जानवरों से स्थानीय उत्पादों को नुकसान से बचाया जा सके और किसानों को इसका फायदा मिल सके।

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