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कोरोना काल में बेसहारा बच्चों को मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से मिला सहारा


मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने डीबीटी द्वारा योजना में चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में 3-3 हजार रूपए की सहायता राशि ट्रांसफर की।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोरोना काल में बेसहारा हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का विधिवत शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने डीबीटी द्वारा योजना में चिन्हित बच्चों के बैंक खातों में 3-3 हजार रूपए की सहायता राशि ट्रांसफर की। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, श्रीमती रेखा आर्या, विधायक श्री धन सिंह नेगी, सचिव हरि चंद्र सेमवाल सहित अन्य विशिष्ट जन उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों के माता-पिता व संरक्षक के चले जाने की भरपाई करना मुमकिन नहीं है। परंतु राज्य सरकार एक अभिभावक की तरह इनका हमेशा ध्यान रखेगी। जिलों में डीएम इनके सह अभिभावक के रूप में काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाव में ही भगवान होते हैं। हमारा इन बच्चों के प्रति स्नेह, प्रेम और उत्तरदायित्व का भाव है। हम सभी इन बच्चों के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, पूरे मनोयोग से करें। इनकी सहायता से पुण्य प्राप्त होगा। वात्सल्य, माता-पिता में अपने बच्चों के लिए होने वाला नैसर्गिक प्रेम होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इन बच्चों के मामा की तरह ध्यान रखेंगे। कोरोना काल में जिन बच्चों की आंखों में आंसू आए हैं, उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना में आच्छादित बच्चों को प्रतिमाह 3-3 हजार रूपए की सहायता राशि दी जा रही है। इसके साथ ही इन्हें निशुल्क राशन, निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी की जा रही है। जिलों के डीएम इन बच्चों की सम्पत्ति का संरक्षण भी करेंगे। अनाथ बच्चों के लिए नौकरियों में पांच प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। सरकार इन बच्चों के कौशल विकास पर भी ध्यान देगी।

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