परमारà¥à¤¥ निकेतन में अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ परिषदॠके ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ में ’’चलो à¤à¤¾à¤°à¤¤ को समà¤à¥‡ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन किया गया। जिसमें विशà¥à¤µ के 33 देशों से आये 125 विदà¥à¤¯à¤¾à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने सहà¤à¤¾à¤— किया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 29 नवमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ परिषदॠके ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ में ’’चलो à¤à¤¾à¤°à¤¤ को समà¤à¥‡ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन किया गया। जिसमें विशà¥à¤µ के 33 देशों से आये 125 विदà¥à¤¯à¤¾à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने सहà¤à¤¾à¤— किया। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, डिपà¥à¤Ÿà¥€ हाई कमिशनर फिजी निलेश कà¥à¤®à¤¾à¤° जी, साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सहयोग परिषदॠशà¥à¤°à¥€ वीरेनà¥à¤¦à¥à¤° गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ जी, शà¥à¤°à¥€ दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤ जी, संजय à¤à¤²à¥à¤²à¤¾ जी और अनà¥à¤¯ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ देशों से आये छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ का अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि यह आपका हिमालयन होम है; आपका अपना घर है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की यातà¥à¤°à¤¾ à¤à¥€à¤¤à¤° की यातà¥à¤°à¤¾ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की यातà¥à¤°à¤¾ बाहर की यातà¥à¤°à¤¾ नहीं है à¤à¥€à¤¤à¤° की यातà¥à¤°à¤¾ हैः सà¥à¤µà¤¯à¤‚ की यातà¥à¤°à¤¾ है। जिसने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को समठलिया उसने संसार को समठलिया; जिसने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को जीत लिया उसने संसार को जीत लिया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि जीवन की यातà¥à¤°à¤¾ में न किसी को जीतने की जरूरत है न जताने की जरूरत है बलà¥à¤•à¤¿ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को जानने की जरूरत है, अगर कà¥à¤› जरूरत है वह है दिवà¥à¤¯ जीवन जीने की है। इनà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ केवल à¤à¤• कनà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ कलà¥à¤šà¤° है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि आज आप चारों ओर इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ का जाल बिछा देख रहे है, इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ से जà¥à¥œà¥‡ रहना अचà¥à¤›à¥€ बात है परनà¥à¤¤à¥ इसके साथ अपने इनरनेट से à¤à¥€ जà¥à¥œà¥‡ रहे, दोनों में बैलंेस बनाकर रहे यह बहà¥à¤¤ जरूरी है कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ बैलंेस ही तो जीवन है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि आप सà¤à¥€ छातà¥à¤° हिमालय की तरह अपार शकà¥à¤¤à¤¿ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ यà¥à¤µà¤¾ है। हिमालय हमें साधना, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ और संजीवनी पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। जीवन में अपने पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• करà¥à¤® साधना की तरह पूरा करे, यही साधना हो कि मेरा टाइम, टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¤¾à¥…जी, टेनासीटी और टैलेंट समाज के लिये हो, आपने लिये नहीं सब के लिये हो, अपने वतन के लिये हो, अपनी करà¥à¤®à¤à¥‚मि और अपनी जनà¥à¤® à¤à¥‚मि के लिये हो। अपनी बहनों को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करे, अपने संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ करें तथा à¤à¤¸à¤¾ करà¥à¤® करे कि हमारा जीवन संजीवनी बूटी की तरह कारà¥à¤¯ करे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि हिमालय में तो जड़ी-बूटियाठहोती है लेकिन यà¥à¤µà¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿ तो अपने-आप में संजीवनी है। जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ और सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° देश है, इसका इतिहास अदà¥à¤à¥à¤¤ है यहां पर देखने और जानने के लिये बहà¥à¤¤ कà¥à¤› है। परनà¥à¤¤à¥ मेरा मानना है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ को समà¤à¤¨à¥‡ के लिये पहले सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को समà¤à¥‡à¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ केवल à¤à¤• देश नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ यह तो जीवंत राषà¥à¤Ÿà¥à¤° है जहां पर गंगा, हिमालय, तà¥à¤²à¤¸à¥€ और गाय की पूजा की जाती है। यहां के कण-कण में जानने के लिये बहà¥à¤¤ कà¥à¤› है। वीरेनà¥à¤¦à¥à¤° गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ जी ने बताया कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ देशों के विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ आकर शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करते है उन विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ के दरà¥à¤¶à¤¨ कराना, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और दरà¥à¤¶à¤¨ के बारे में जानकारी देना ताकि वे शिकà¥à¤·à¤¾ के साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को à¤à¥€ अतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ कर सके। हमारी संसà¥à¤¥à¤¾ 50 वरà¥à¤·à¥‹ से पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ और विदेशी विदà¥à¤¯à¤¾à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से जोड़ने का कारà¥à¤¯ कर रही है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ कहा कि हमारी संसà¥à¤¥à¤¾ का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤®à¥ का है। हमारे देश में विदेशों से जो à¤à¥€ अतिथि आते है वे यहां की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को जान सके। हमारे देश में लगà¤à¤— 20 हजार से अधिक विदेशी छातà¥à¤° शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करते है हमारा पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ है कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥€ घर जैसा माहौल मिले। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सहयोग परिषदॠके पदाधिकारियों को रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पौधा à¤à¥‡à¤‚ट किया तथा विशà¥à¤µ के अनेक देशों से आये विदà¥à¤¯à¤¾à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ विशà¥à¤µ सà¥à¤¤à¤° पर सà¥à¤µà¤šà¥à¤› जल की आपूरà¥à¤¤à¤¿ हेतॠविशà¥à¤µ गà¥à¤²à¥‹à¤¬ का जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• आज विशà¥à¤µ सà¥à¤¤à¤° की सबसे बड़ी समसà¥à¤¯à¤¾ है आज हम सà¤à¥€ संकलà¥à¤ª लें कि à¤à¤•à¤² उपयोग पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग नहीं करंेगे, सà¤à¥€ ने हाथ उठाकर संकलà¥à¤ª लिया।