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पौड़ी में आजादी का अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत एक दिवसीय ग्रामीण सड़क कार्यशाला


जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आज उत्तराखंड ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण की ओर से आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत एक दिवसीय ग्रामीण सड़क कार्यशाला का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 21 अगस्त, 2021, जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आज उत्तराखंड ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण की ओर से आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत एक दिवसीय ग्रामीण सड़क कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पीएमजीएसवाई के सामुदायिकता अनुबंध के तहत महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों तथा स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से सड़कों का कार्य, सौदर्यीकरण तथा मरम्मत के माध्यम से रोजगार देने पर चर्चा की गयी। इस दौरान जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि मेरी सड़क ऐप का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देशित किया कि भविष्य में भी इस तरह की कार्यशाला आयोजित करें व डिवीजन वाइज समीक्षा करना सुनिश्चित करें, जिससे हर डिवीजन की कार्य प्रगति का पता चल सकेगा। साथ ही उन्होंने अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया कि जो डिवीजन अपने लक्ष्यों को समय पर पूर्ण करते हैं, उन्हें पुरस्कृत करें। जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने आयोजित कार्यशाला में सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़कों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे तथा समय पर सड़कों का कार्य पूर्ण करना सुनिश्चित करें। कहा कि सड़कों के रख-रखाव की बेहतर व्यवस्था तथा 20 सूत्रीय कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति शत प्रतिशत करें। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के माध्यम से ही ग्रामीण लोग सड़कों से जुड़े हैं, जिससे उनका आर्थिक विकास हो रहा है। कहा कि पीएमजीएसवाई के स्थापना के बाद से जनपद में 287 सड़कों का कार्य प्रारम्भ किया गया, जिसमें 225 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। कहा कि वर्तमान में जनपद में 269 बसावटे चिन्हित थी, जिसमें 249 बसावटों में सड़के पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के अंतर्गत पहाड़ों में 250 जनसंख्या वाले बसावटों को जोड़ा जाता है, जबकि मैदानों में यह आंकड़ा 500 का है।

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