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मतदान केंद्रों पर नाश्ता - खाना आदि की कहीं कोई व्यवस्था नहीं की गयी:धर्म चंद्र पोद्दार


प्रत्याशी धर्म चंद्र पोद्दार ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि गत 7 दिसंबर 2019 को जमशेदपुर की 6 विधानसभा सीटो पर मतदान हुआ । उसमें प्रशासन की व्यवस्था में काफी कुछ कमियां पाई जाने की सूचनाएं मिली है ।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज भारत

झारखंड विधानसभा चुनाव 2005 में 48 - जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी धर्म चंद्र पोद्दार ने विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि गत 7 दिसंबर 2019 को जमशेदपुर की 6 विधानसभा सीटो पर मतदान हुआ । उसमें प्रशासन की व्यवस्था में काफी कुछ कमियां पाई जाने की सूचनाएं मिली है । कहा कि मतदान कर्मियों को 6 दिसंबर की सुबह 7:00 बजे मतदान के 1 दिन पूर्व रिपोर्ट करने को कहा गया था । दिन भर नाश्ता - खाना आदि की कहीं कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी। किसी तरह दिन गुजरा इतनी ठंड में जमीन पर केवल एक गददा देने से ठंड में लोग मतदान स्थल में ठिठुरते रहे । मतदान के दिन सुबह 4:30 बजे मतदान कक्ष में पहुंच गए थे । मतदान स्थल पर ही ठहरे थे वहां शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा । स्नान भी नहीं कर पाए । जलपान एवं भोजन भी कहीं आस-पास होटल के खुला नहीं रहने के कारण लोग भूखे भी रहे । पीने के पानी की भारी समस्या रही । शाम को मतदान खत्म होने पर ईवीएम मशीन अपने कागजातों को पूर्ण रूप से भरकर जमा करनी थी इसके लिए इन छह विधानसभा क्षेत्रों के लगभग 1600 बूथ के लगभग 8000 मतदान कर्मी खुले मैदान में जहां न कोई शामियाना था और न कोई दरी आदि । जमीन पर बैठकर ठंड में ठिठुरते हुए कागजातों को कंप्लीट करके तब अपनी-अपनी सभी मशीन को जमा कर पाए ।जमशेदपुर को -ऑपरेटिव कॉलेज में जमा करके रात 10:00 बजे तो कोई 12:00 बजे फ्री हो सके । लौटने की व्यवस्था भी नहीं थी । वाहनों का ना होना यह बड़ा ही दुखदाई रहा । यह सब किसी सजा से कम नहीं रहा । पोद्दार ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि स्थानीय सभी एनजीओ को कहा जाए कि केवल इनकम टैक्स में छूट ही ना ले , मानवता की सेवा के नाते ही सही भविष्य में मतदान कर्मियों पर ध्यान दें । पुलिसकर्मियों पर भी ध्यान दें । प्रशासन को चाहिए कि 1 माह पूर्व ही बैठक कर इन सारे एनजीओ को इस हेतु आदेश दिया जाए । गलती करने वाले एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाए और उनको दी जाने वाली सारी सुविधाओं से वंचित किया जाए । अगर प्रशासन को कोई और विकल्प नजर आता है तो उस पर विचार कर मतदान कर्मियों एवं पुलिसकर्मियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कुछ ऐसा किया जाए जिससे इन सभी को कुछ राहत मिल सके ।

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