सेवा साधना में प्रवेश करना चाहिए: स्वामी दिव्यानंद


श्री गीता कुटीर तपोवन हरिद्वार में तपोवन विहारी महाप्रभु कृपा से मंथन आई हेल्थ केयर फाऊंडेशन एवं आरोग्य विजन फाऊंडेशन के सौजन्य से शंखनाद के साथ पांच दिवसीय मेगा नेत्र चिकित्सा एवं आपरेशन कैंप प्रारंभ|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

हरिद्वार श्री गीता कुटीर(हेमंत दीवान)। आंखें शरीर का अति महत्वपूर्ण अंग हैं, बिना आंखों के ङ्क्षजदगी कैसे हो सकती है, कल्पना करना भी कठिन है। यह सब जानते हुए भी जाने अनजाने हम ऐसा बहुत कुछ किए जा रहे हैं, जो नेत्र रोग बनकर कष्टप्रद बनता जा रहा है। कोविड कारण बनने से तो लैपटॉप-मोबाइल का अधिक प्रयोग हुआ,मजबूरी तो है ही किंतु हमारे द्वारा इन साधनों का गलत प्रयोग भी कारण बना। जो नित्य चेकअप करवाते थे, उनका रूटीन भी टूटा। जिस कारण परिणाम घातक हुए। विशेष रूप से हरिद्वार जैसा तीर्थ जहां इन दिनों में नेत्र रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई, किंतु साधन कम थे। ऐसे समय में सामुदायिक रूप से चेकअप और आपरेशन एक बहुत ही आवश्यकता बनी। श्री गीता कुटीर तपोवन हरिद्वार में महाप्रभु श्री गीता विहारी सद्गुरूदेव जी की कृपा से पूज्य डॉ.स्वामी दिव्यानंद जी महाराज के सानिध्य में विशाल मेगा नेत्र चिकित्सा एवं आपरेशन शिविर का आयोजन पांच दिवसीय रूप में किया गया। जिसका शुभारंभ पूर्व चेयरमैन हरिद्वार मनोज गर्ग ने पार्षद अनिल मिश्रा के साथ ज्योति प्रज्ज्वलित करके किया। इस अवसर पर नेत्र विशेषज्ञ डॉ. सुमित ग्रोवर ने कहा कि नर सेवा वस्तुत: नारायण सेवा ही है, ज्ञान भक्ति का यथार्थ यही है कि जो प्रभु मंदिर में है, वही सबके अंदर है। ऐसा ही भक्ति का आध्यात्मिक और व्यावहारिक स्वरूप है। अपने संदेश में मनोज गर्ग ने कहा कि जो महापुरुष सबकुछ छोड़कर प्रभु के भरोसे पर ही जीवन यापन कर रहे हैं, जो पूर्ण समर्पित हैं प्रभु के प्रति, उन्ळीं के लिए परमात्मा प्रेरक बनकर इन संस्थाओं को प्रेरित करता है, ताकि ऐसे महापुरुषों की भी सेवा हो सके। पार्षद अनिल मिश्रा ने कहा कि श्री गीता कुटीर के सेवा कार्यों की सराहना मेरे द्वारा तो संभव ही नहीं है, जहां लंगर भोजन की व्यवस्था है, वहीं स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध करवा कर सेवा का एक उत्कृष्ट रूप दिया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ पूज्य चरण सद्गुरू श्री महाराज के समक्ष पूजन एवं ज्योति प्रज्ज्वलन से हुआ। अपने संदेश में स्वामी दिव्यानंद जी महाराज ने कहा कि बच्चों और विद्यार्थियों को यात्रा के समय नहीं पढऩा चाहिए। ऑब्जेक्ट पर आंखें फोक्स नहंी हो पाती तो दबाव बढऩे से दृष्टि कमजोर हो जाती है। आज इस अवसर पर प्रबंधक शिवदास दूबे, गोपाल राज अधिकारी, सुलभ नोटियाल, गगन मिश्रा, सचिन ओनियाल, सोमेश नोटियाल, अखिल नोटियाल, विशाल जोशी, निखिल शर्मा ने स्वस्ति वाचन कर सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। ग्राम प्रधान गीतांजलि जखमोला एवं मनोज जखमोला ने भी इस अवसर पर पूजन कर आशीर्वाद लिया।

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