Latest News

हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में "विकासशील भारत में जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा"


परिचर्चा की शुरुआत मनीषा राणा द्वारा की गई । इसी संदर्भ में छात्र अरविंद द्वारा ऊर्जा सुरक्षा पर अपना मत रखते हुए अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा के फायदे एवं नुकसान के बारे में बताया गया।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

हेमंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा "विकासशील भारत में जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा " विषय पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें परिचर्चा की शुरुआत मनीषा राणा द्वारा की गई । इसी संदर्भ में छात्र अरविंद द्वारा ऊर्जा सुरक्षा पर अपना मत रखते हुए अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा के फायदे एवं नुकसान के बारे में बताया गया। प्रज्ञा गैरोला ने जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा आपस में किस प्रकार से संबंधित हैं इस पर अपने विचार रखे । पुष्कर झा द्वारा जलवायु परिवर्तन शमन प्रोग्राम के बारे में बताया गया एवं जलवायु परिवर्तन प्रयासों के लिए जीआईएफ समर्थन के उद्देश्यों को बताया गया । कार्यक्रम में डॉक्टर नरेश कुमार द्वारा सर्वप्रथम ऊर्जा सुरक्षा के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को बताते हुए जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा आपस में किस तरह संबंधित है और इनके प्रभावों को बताया गया तथा आईपीसीसी जो कि जलवायु परिवर्तन के आंकलन के लिए अग्रणी अंतरराष्ट्रीय निकाय है उसकी रिपोर्ट के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया । इसी के साथ डा नरेश कुमार द्वारा ऊर्जा पर मनुष्य की निर्भरता किस प्रकार से होनी चाहिए और इसके प्रभावों को को स्पष्ट रूप से बताया। साथ ही उनके द्वारा भारत जैसे विकासशील देशों में ऊर्जा डिमांड की विविधता को कितने हद तक किया जाना चाहिए तथा भविष्य में ऊर्जा सुरक्षा के स्रोतों के बारे में बताया गया| प्रोफेसर हिमांशु बौड़ाई द्वारा प्राकृति एवं राजनीति के संबंध के बारे में बताया उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बदलते परिदृश्य में राज्य सिद्धांतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ ही मानवीय गतिविधियां जलवायु परिवर्तन को कैसे प्रभावित कर रही है । उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इसका हल निकाला जाना चाहिए। इसी परिचर्चा में सौरव द्वारा जलवायु परिवर्तन के कारणों को बताते हुए ग्लोबल वार्मिंग पर अपने विचारों को रखा। मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान के डीन प्रोफेसर आर.एन . गैरोला ने महत्वपूर्ण बिंदुओं को रेखांकित करते हुए बताया कि जलवायु परिवर्तन को सार्वभौमिक संकट बताया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के घातक प्रभाव एवं ऊर्जा के बारे में एवं संरक्षण व योगदान को स्पष्ट किया।

Related Post