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पतंजलि के स्वदेशी विकल्प व स्वदेशी उद्घोष से निकला चाइना का दिवाला, देश के छोटे व्यापारियों को मिला लाभ : आचार्य जी महाराज


पतंजलि के स्वदेशी विकल्प व स्वदेशी उद्घोष से निकला चाइना का दिवाला, देश के छोटे व्यापारियों को मिला लाभ : आचार्य

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज़ भारत

हरिद्वार, 02 नवम्बर। पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान के तत्वाधान में धन्वंतरि त्रयोदशी के उपलक्ष्य में पतंजलि योगपीठ-। स्थित यज्ञशाला में ‘आयुर्वेद फॉर पोषण’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण महर्षि धन्वंतरि की प्रतिमा का अनावरण कर पुष्प माला अर्पित की तथा समस्त देशवासियों को धन्वंतरि जयंति व दीपावली पर्व की शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि महर्षि धन्वंतरि ने आयुर्वेद के रूप में अमृत के समान एक निरापद चिकित्सा पद्धति लोकोपचार हेतु अनुसंधित की जिसका लाभ आज समूची मानवता को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि महर्षि धन्वंतरि के आयुर्वेद रूपी प्रसाद को पाकर सम्पूर्ण मानव जाति धन्य हो गई, इनके दिव्य उपकार के लिए महर्षि धन्वंतरि सदैव पूजनीय हैं। उन्होंने कहा कि सनातनता व नूतनता का समन्वय जब होता है तब जीवन में उत्सव व उत्साह आता है। पूज्य स्वामी जी ने इटली में चल रहे जी-20 समिट में विद्वानों के विचारों को सुनकर कहा कि यदि हमने नेचर और इन्वायरमेंट के साथ ऐसे ही छेड़छाड़ जारी रखी तो यह मानव जाति के लिए आत्मघाती होगा। सारे विश्व के लिए अपनी कब्र खोदने जैसा होगा। उन्होंने कहा कि वक्त रहते पूरा विश्व योग, यज्ञ, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और इस सनातन संस्कृति की शरण में नहीं आया तो विश्व के लिए यह आत्मघात करने जैसा होगा।

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