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देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करने पर मुख्यमंत्री का करेंगे घेराव - समाजवादी पार्टी


देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करने पर मुख्यमंत्री का करेंगे घेराव समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य महंत शुभम गिरी ने देवस्थानम बोर्ड को मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था कि 30 अक्टूबर को देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाएगा|

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करने पर मुख्यमंत्री का करेंगे घेराव समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य महंत शुभम गिरी ने देवस्थानम बोर्ड को मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था कि 30 अक्टूबर को देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाएगा लेकिन अभी तक इसमें कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है क्योंकि जो कमेटी 4 सदस्य बनी गई थी इस कमेटी में तीर्थ पुरोहित भी शामिल थे साथ में सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे लेकिन तीर्थ पुरोहितों ने इस कमेटी का बहिष्कार किया और अधिकारियों ने बोर्ड को भंग करने की बात नहीं सरकार के सामने रखी क्योंकि यह सोची समझी सरकार की चाल थी इस कमेटी में कोई भी देवस्थानम का बोर्ड को भंग करने की बात नहीं कही गई साथ में तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक जी का विरोध भी भरपूर किया गया केदारनाथ में और साथ में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जी ने 2019 में देवस्थानम बोर्ड को प्रस्ताव पारित किया था विधानसभा में उनका भी विरोध किया गया और दर्शन करने के लिए भी विरोध हुआ और साथ में मुख्यमंत्री ने 30 तारीख को आश्वासन दिया था कि इस बोर्ड को भंग करेंगे लेकिन अभी तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई महंत शुभम जी ने कहा जल्द ही वे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का विरोध करते हुए उनका घेराव करेंगे और देवस्थानम बोर्ड के जो तीर्थ पुरोहित है इसका विरोध कर रहे हैं उनके साथ में खड़े हैं और साथ में एक धरना बे मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री कार्यालय के बाद देंगे और मुख्यमंत्री से जल्द ही मिलकर इस बोर्ड को भंग करने की बात कहेंगे और उन्होंने साथ में प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के ऊपर निशाना साधा श्री मदन कौशिक साधु संत के हमदर्द बनते हैं आज तक साधु संतों को भू समाधि आदि और हरिद्वार में फूल मंडी का निर्माण नहीं दिया गया है और हरिद्वार के 20 साल से विधायक रहे आज तक हरिद्वार में नगर निगम का कार्यालय नहीं बनाया गया है उन्होंने हरिद्वार की जनमानस से अपील की इस बार 2022 के चुनाव में मदन कौशिक को हटाकर किसी अच्छे व्यक्ति को हरिद्वार का विधायक चुने और हरिद्वार के विकास के लिए वे तत्पर तैयार है जल्दी से बड़ा फैसला लेंगे और देवस्थानम बोर्ड को भंग करना उनकी पहली प्रथम प्राथमिकता है इस बोर्ड को यथाशीघ्र सरकार भंग नहीं करती तो सरकार को 2022 में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा तीर्थ पुरोहित भाजपा नेता को चार धाम में घुसने भी नहीं देंगे और गंगोत्री यमुनोत्री विधानसभा सीट से पता लग जाता है कि किसकी सरकार उत्तराखंड में बनेगी यह दौर उत्तर प्रदेश के समय से चला हुआ है देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया तो घोर विरोध भाजपा को सहना पड़ेगा जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने 2013 के प्राथमिक आपदा में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी ने केदारनाथ की इतनी सहयोग दिया था उसका कोई भी प्रचार नहीं किया और उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा उस समय कई कार्यों के लिए केदारनाथ का और उत्तराखंड का सहयोग पूर्ण प्रदान किया गया था लेकिन भाजपा दूसरों को काम पर अपना काम बताती है और प्रधानमंत्री जी ने केदारनाथ की यात्रा की लेकिन पूर्व की सरकारों का उन्होंने शुक्रिया नहीं किया प्रधान मंत्री मोदी जी को देवस्थानम बोर्ड के भंग करने के बाद उत्तराखंड सरकार को करनी चाहिए और यथाशीघ्र या भंग होना चाहिए भाजपा अपने को सनातन और हिंदुओं की सरकार बताती है पिछले से 2 वर्ष तीर्थ पुरोहित इस बोर्ड का भंग कर रहे हैं अभी तक भी भाजपा को इस पर दया नहीं आई आगे भी विरोध जारी रहेगा और तीर्थ पुरोहितों से मिलकर देश सही निर्माण लेंगे और मुख्यमंत्री से भी मिलकर इस बोर्ड को भंग करने की बात कहेंगे

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