आज परमारà¥à¤¥ निकेतन में à¤à¤¾à¤ˆ दूज के पावन अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ , साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ à¤à¤µà¤‚ साधà¥à¤µà¥€ आà¤à¤¾ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ के पावन सानिधà¥à¤¯ में परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² के ऋषि कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और परमारà¥à¤¥ परिवार के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को बहनों ने तिलक लगाकर à¤à¤¾à¤ˆ दूज का परà¥à¤µ मनाया।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 6 नवंबर। आज परमारà¥à¤¥ निकेतन में à¤à¤¾à¤ˆ दूज के पावन अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ , साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ à¤à¤µà¤‚ साधà¥à¤µà¥€ आà¤à¤¾ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ के पावन सानिधà¥à¤¯ में परमारà¥à¤¥ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² के ऋषि कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और परमारà¥à¤¥ परिवार के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को बहनों ने तिलक लगाकर à¤à¤¾à¤ˆ दूज का परà¥à¤µ मनाया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ ने कहा कि बहन रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन के अवसर पर à¤à¤¾à¤ˆ की कलाई पर रकà¥à¤·à¤¾ सूतà¥à¤° बांधती हैं, फिर à¤à¤¾à¤ˆ दूज को माथे पर तिलक लगाकर दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ और दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करती हैं। नारियां करवा चौथ को पति के लिठवà¥à¤°à¤¤ रखती हैं, अहोई अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ को बेटे के लिये, à¤à¤¾à¤ˆ दूज पर à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को तिलक करती है इसलिये 365 दिन में उस मातृशकà¥à¤¤à¤¿ को अपने हृदय में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दे उनका समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करें। अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ दिवस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ सà¤à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की समृदà¥à¤§à¤¿, विविधता और समà¥à¤®à¤¾à¤¨ की अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हेतॠपूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में मनाया जाता है। विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करना है तथा दूसरों के अधिकारों और सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करना अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है। सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ न केवल à¤à¤• नैतिक करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है, बलà¥à¤•à¤¿ आज के यà¥à¤— की सबसे पà¥à¤°à¤®à¥à¤– आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ à¤à¥€ है इसलिये सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ और अहिंसा की पहल सà¥à¤µà¤¯à¤‚ से करना वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय की सबसे बड़ी जरूरत है। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‹à¤šà¤¿à¤¤ तथा समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£ अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तथा किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की आकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤•à¤¤à¤¾ से बचना व विरोधी विचारों को सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ की ताकत रखना ही वासà¥à¤¤à¤µ में सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ है। दूसरों को धैरà¥à¤¯ और शानà¥à¤¤à¤¿ से सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के कारण à¤à¥€ नठतथा मौलिक विचार पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं जिससे समाज की दिशा बदली जा सकती है तथा पूरे विशà¥à¤µ में शांतिपूरà¥à¤£ सहसà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया जा सकता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की आतà¥à¤®à¤¾ में ही सहनशीलता की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ है। हम सà¤à¥€ विविधता और सहनशीलता के साथ आगे बà¥à¥‡à¤‚ यही आज के समय की मांग à¤à¥€ है। à¤à¤•-दूसरे की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और आचार-विचार का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करें तथा ’’ओनली à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ - नो रिà¤à¤•à¥à¤¶à¤¨â€™â€™ को जीवन का मंतà¥à¤° बना लें। सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ से तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ सहनशीलता व धैरà¥à¤¯ से है। सहनशीलता मानव सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ के अमूलà¥à¤¯ रतà¥à¤¨à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। जिसके पास सहनशीलता है वह विपरीत परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ के साथ जीवन यापन कर सकता है। सहिषà¥à¤£à¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ में विरोध जैसा कà¥à¤› नहीं होता, वे विरोधी विचारों पर à¤à¥€ कोई पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ नहीं देते, हर परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को सहजता से सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लेते हैं तथा उनके सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ में कà¥à¤°à¥‹à¤§ व ईषà¥à¤°à¥à¤¯à¤¾ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ शानà¥à¤¤à¤¿ और सहजता होती है।