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राज्य में डेंगू से बिगड़े हालात हरिद्वार जिले में अधिक मामले, दिल्ली से एक्सपर्ट टीम रवाना।


उत्तराखंड राज्य में अब तक डेंगू के 700 से ज़्यादा केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से केवल हरिद्वार में ही 550 मामले आए हैं. इसके बाद देहरादून में सबसे ज़्यादा 126 मामले सामने आए हैं|

रिपोर्ट  - à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤¸ शर्मा

हरिद्वार 11 नवंबर (विकास शर्मा) उत्तराखंड राज्य में अब तक डेंगू के 700 से ज़्यादा केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से केवल हरिद्वार में ही 550 मामले आए हैं| इसके बाद देहरादून में सबसे ज़्यादा 126 मामले सामने आए हैं| राज्य के नौ ज़िले ऐसे रहे हैं, जहां अब तक डेंगू का कोई केस सामने नहीं आया. अस्ल में, जानकार मान रहे थे कि बारिश के मौसम के बाद डेंगू का प्रकोप फैल सकता है. ऐसे में मानसून के बाद अक्टूबर के महीने में अतिवृष्टि की आपदा के बाद महामारियों को लेकर आशंका और बढ़ गई थी. ऐसे में जबकि उत्तराखंड से कोविड संबंधी प्रतिबंध खत्म कर दिए गए हैं, अब कुछ ज़िलों में डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग में हलचलें तेज़ हैं. हरिद्वार और देहरादून के अलावा नैनीताल और यूएस नगर दो ऐसे ज़िले हैं, जहां डेंगू के केस मिल चुके हैं. नैनीताल में 24 और यूएसनगर में 5 केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क मोड में काम कर रहा है. हरिद्वार जिले के नरसैंण, भगवानपुर, रुड़की, भद्राबाद और हरिद्वार ब्लॉकों में वायरस ज़्यादा फैलता हुआ पाया गया है. अक्टूबर में जो केस आए, उनमें से ज़्यादातर इन्हीं इलाकों के थे. एक खबर में कहा गया कि हरिद्वार में अगस्त में डेंगू के सिर्फ तीन केस थे, सितंबर में 8 जबकि अक्टूबर में 511 हो गए. नवंबर में 6 तारीख तक और 13 मामले सामने आए. गंभीर बात तो यह भी है कि लैब में स्ट्रेन की पहचान तक नहीं हो सकी. हरिद्वार में स्थिति को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली स्थित एनसीडीसी की दो सदस्यीय विशेषज्ञ टीम उत्तराखंड के दौरे पर है. ये टीम यहां से सैंपल लेकर स्ट्रेन की पहचान के लिए दिल्ली ले जाएगी. अक्टूबर में डेंगू के बढ़ते केसों को देखते हुए 1 नवंबर को केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिए थे कि उत्तराखंड समेत उन 8 राज्यों में मंत्रालय से अधिकारी जाएं, जहां डेंगू के मामले ज़्यादा बढ़ रहे थे.

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