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ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों का उत्पात, किसानों की गन्ने की फसलों को किया बर्बाद।


हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों द्वारा किसानों के गन्ने की फसलों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला जारी है।पथरी क्षेत्र के गांव में हाथियों के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन हाथियों का झुंड गंगा पार कर किसानों की गन्ने की फसलों को बर्बाद कर रहा है। वनप्रभाग द्वारा हाथियों को रोकने के सारे उपाय नाकाम साबित हुए हैं। फसलों को आए दिन हाथी नष्ट कर रहे हैं।

रिपोर्ट  - à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤¸ शर्मा

हरिद्वार 12 नवंबर (विकास शर्मा) हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों में हाथियों द्वारा किसानों के गन्ने की फसलों को नुकसान पहुंचाने का सिलसिला जारी है।पथरी क्षेत्र के गांव में हाथियों के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन हाथियों का झुंड गंगा पार कर किसानों की गन्ने की फसलों को बर्बाद कर रहा है। वनप्रभाग द्वारा हाथियों को रोकने के सारे उपाय नाकाम साबित हुए हैं। फसलों को आए दिन हाथी नष्ट कर रहे हैं। गांव बिशनपुर, कुंडी, रानीमाजरा, मिस्सरपुर, चांदपुर, कटारपुर के किसानों के अधिकांश खेत गंगा के नजदीक हैं। पिछले एक सप्ताह से हाथियों के झुंड गंगा पार कर किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। वन प्रभाग द्वारा हाथियों की रोकथाम के लिए कई उपाय किए गए, लेकिन इसके बावजूद हाथियों को खेतों में आने से नहीं रोक पाए। वन प्रभाग द्वारा गंगा किनारे हाथियों को रोकने के लिए सेंथिल लाइन, सुरक्षा दीवार, सेंसर अलार्म के साथ वनकर्मियों की गंगा किनारे गश्त भी लगाई गई है। लेकिन सभी उपाय नाकाम साबित हो रहे हैं। वन प्रभाग इतने उपाय करने के बाद भी किसानों को हर साल लाखों रुपये मुआवजे के तौर पर देता रहा है। गुरुवार रात भी हाथियों के झुंड ने बिशनपुर में जमकर उत्पात मचाया। हाथी रातभर गन्ने की फसलों में घुसकर उसे खाते व बर्बाद करते रहे। किसान राजबीर, पवन चौहान, सुनील कुमार, दीपक, सुरेश चौहान, ललित कुमार, रामकुमार ने बताया कि हर साल हाथियों के झुंड लगभग बीस बीघा गन्ने की फसल चट कर जाते हैं। जिसका वन प्रभाग नाम मात्र मुआवजा देता है। किसानों ने हाथियों की रोकथाम के ठोस उपाय करने व बर्बाद फसल के उचित मुआवजे की मांग की है। वन क्षेत्राधिकारी गजेंद्र सिंह का कहना है कि हाथियों की आवाजाही पर काफी हद तक ब्रेक लगा है। हाथी किसानों की फसल बर्बाद ना कर पाए इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे तथा किसानों को नुकसान का उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा।

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