गाजर, मूली, टमाटर जैसी सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में लेनी चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इनमें à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¤¿à¤¡à¥‡à¤‚ट ततà¥à¤µ होते हैं, जो शरीर में जमे ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ का कहना है कि चूंकि मौसम बदल रहा है, इसलिठसà¥à¤¬à¤¹-शाम ठंड, तो दोपहर में गरà¥à¤®à¥€ महसूस होती है। à¤à¤¸à¥‡ में जो लोग दोपहर को बाहर से आते हैं, वह घर आते ही पंखा चला लेते हैं जो बदलते मौसम में बीमारी की सबसे बड़ी वजह है। इससे सरà¥à¤¦-गरà¥à¤® हो जाता है, जिसके चलते कà¥à¤› देर बाद बà¥à¤–ार महसूस होने लगता है। इसलिठजब à¤à¥€ बाहर से आà¤à¤‚, गरà¥à¤®à¥€ महसूस हो तो पंखा ना चलाà¤à¤‚ बलà¥à¤•à¤¿ कà¥à¤› देर आराम से बैठें। तापमान अपने आप सामानà¥à¤¯ लगने लगेगा। सरà¥à¤¦à¥€-जà¥à¤•à¤¾à¤® और फà¥à¤²à¥‚ जैसी बीमारियों से बचने का सबसे आसान तरीका है हाथों को साफ रखना। हमारे हाथ हमेशा ही गंदे रहते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोग अपने हाथों को सामने रखकर खांसते या छींकते हैं या फिर पूरे टाइम अपनी नाक को हाथों से ही पोंछते रहते हैं। लिहाजा हाथों को साबà¥à¤¨-पानी से अचà¥à¤›à¥€ तरह से धोना बेहद जरूरी है। डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ की मानें तो कम से कम 20 सेकंड तक हथेली, उंगली, उंगली के टिपà¥à¤¸, हाथों के पीछे का हिसà¥à¤¸à¤¾ और नाखून के आसपास के हिसà¥à¤¸à¥‡ को अचà¥à¤›à¥€ तरह से साफ करना चाहिà¤à¥¤ अगर आप à¤à¤¸à¥€ जगह पर हैं जहां आप हैंडवॉश नहीं कर सकते तो सैनिटाइजर का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करें। बीमारियों से बचने में खान-पान का बेहद अहम रोल होता है। बदलते मौसम में खानपान में à¤à¥€ बदलाव करना जरूरी है। डॉकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ का कहना है कि अकà¥à¤¸à¤° बदलते मौसम में मूड सà¥à¤µà¤¿à¤‚ग जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होता है। à¤à¤¸à¥‡ में हमें खाने में कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लेना चाहिà¤à¥¤ यह हमें मूड सà¥à¤µà¤¿à¤‚ग और डिपà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ से दूर रखता है और दिल और दिमाग को अचà¥à¤›à¤¾ महसूस होता है। अंडे का सफेद वाला हिसà¥à¤¸à¤¾, टमाटर, चावल, गेहूं, सेब और डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤«à¥à¤°à¥‚टà¥à¤¸ कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ चीजें हैं, जिसमें कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पाया जाता है।अकà¥à¤¸à¤° आपने सà¥à¤¨à¤¾ होगा कि बहà¥à¤¤ से लोग à¤à¤¸à¥‡ होते हैं जो जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ देर खड़े नहीं रह पाते या फिर à¤à¤¸à¥‡ लोग जिनकी हडà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ बेहद कमजोर होती हैं और जरा-सा गिरने पर टूट जाती हैं। à¤à¤¸à¤¾ इसलिठहोता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनमें विटमिन डी की कमी होती है। वैसे तो आज हर इंसान में विटामिन डी की कमी पाई जाती है लेकिन इसका अंतर सà¤à¥€ लोगों में अलग-अलग होता है। इसे आमतौर पर धूप से ही लिया जाता है, लेकिन अब इसके लिठकई दवाà¤à¤‚ à¤à¥€ मौजूद हैं। बदलते मौसम में फल और सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सेवन करना चाहिà¤à¥¤ खासतौर पर हरी सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का। गाजर, मूली, टमाटर जैसी सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में लेनी चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इनमें à¤à¤‚टीऑकà¥à¤¸à¤¿à¤¡à¥‡à¤‚ट ततà¥à¤µ होते हैं, जो शरीर में जमे ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके साथ ही फलों में à¤à¥€ सेहत का राज छिपा होता है, जो बॉडी को फà¥à¤°à¥‡à¤¶ रखता है और शरीर को बीमारियों से बचाता है।