धरà¥à¤® नगरी हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ धरà¥à¤® रकà¥à¤·à¤¾ निधि आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में विशà¥à¤µ हिंदू परिषद उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के संगठन मंतà¥à¤°à¥€ मनोज वरà¥à¤®à¤¾ ने कहा कि देश में हिंदू समाज विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सामना कर रहा है।
रिपोर्ट - विकास शरà¥à¤®à¤¾
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 15 नवंबर (विकास शरà¥à¤®à¤¾) धरà¥à¤® नगरी हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ धरà¥à¤® रकà¥à¤·à¤¾ निधि आयोजित कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में विशà¥à¤µ हिंदू परिषद उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के संगठन मंतà¥à¤°à¥€ मनोज वरà¥à¤®à¤¾ ने कहा कि देश में हिंदू समाज विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सामना कर रहा है। निरंतर आगे बढ़ते रहने के लिठइन चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का जवाब देना नितांत आवशà¥à¤¯à¤• है। हमारा सबसे पहला करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ अपनी धारà¥à¤®à¤¿à¤• और सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत को बचाना है। यह बात उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सोमवार को कनखल में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड पà¥à¤°à¤¾à¤‚त के धरà¥à¤® रकà¥à¤·à¤¾ निधि समरà¥à¤ªà¤£ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨-2021 के शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठकारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में कही। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को धरà¥à¤® रकà¥à¤·à¤¾ निधि समरà¥à¤ªà¤£ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ को सफल बनाने का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ कहा कि विशà¥à¤µ हिंदू परिषद की ओर से वरà¥à¤· में à¤à¤• बार धरà¥à¤® रकà¥à¤·à¤¾ निधि समरà¥à¤ªà¤£ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ का आयोजन किया जाता है। जिसके अंतरà¥à¤—त संगठन के साथ समाज के लोगों का à¤à¥€ योगदान लिया जाता है। इस वरà¥à¤· उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में यह अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ 30 दिसंबर तक चलेगा। मनोज वरà¥à¤®à¤¾ ने कहा कि विहिप ने अवैध धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण पर रोक तथा धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤¿à¤¤ हिनà¥à¤¦à¥‚ à¤à¤¾à¤ˆ-बहनों को अपनी जड़ों से पà¥à¤¨: जोड़ने की दिशा में बड़ा कारà¥à¤¯ किया है। संपूरà¥à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अà¤à¥€ तक लगà¤à¤— 62 लाख हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण को रोकने के साथ लगà¤à¤— 8.5 लाख की घर वापसी हà¥à¤ˆ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति, जन जाति, वनवासी व गिरिवासी समाज के बीच सेवा, समरà¥à¤ªà¤£ और सà¥à¤µà¤¾à¤µà¤²à¤‚बन के मंतà¥à¤° के साथ अनेक राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में छल-बल पूरà¥à¤µà¤• धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ कठोर दंड की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ वाले कानून विहिप के सतत पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के कारण ही बन पाठहैं।