परमारà¥à¤¥ निकेतन में माननीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ रामनाथ कोविंद जी के आगमन की तैयारियाठजोरशोर से शà¥à¤°à¥‚ परमारà¥à¤¥ निकेतन आशà¥à¤°à¤® को वरà¥à¤· 1953-54 में पà¥à¤°à¤¥à¤® राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ माननीय शà¥à¤°à¥€ राजेनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी के अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ मिला था
रिपोर्ट - आल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
ऋषिकेश, 27 नवमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ रामनाथ कोविंद जी और पà¥à¤°à¤¥à¤® महिला शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सविता कोविंद जी के आगमन की तैयारियाठजोरशोर से हो रही है। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने बताया कि वरà¥à¤· 1953-54 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¥à¤® राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ राजेनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी और डाॅ सरà¥à¤µà¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ राधा कृषà¥à¤£à¤¨ जी के अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ का à¤à¥€ सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† था। वरà¥à¤· 2019 पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—राज कà¥à¤®à¥à¤ मेला में परमारà¥à¤¥ निकेतन शिविर में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ रामनाथ कोविंद जी का अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ और सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† था। परमारà¥à¤¥ परिवार के लिये यह सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ की बात है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ माननीय शà¥à¤°à¥€ रामनाथ कोविंद जी, पà¥à¤°à¤¥à¤® महिला शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सविता कोविंद जी पधार रहे हंै। उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के लिये यह गौरव का विषय है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने बताया कि वरà¥à¤· 1997 मंे परमारà¥à¤¥ गंगा तट पर गंगा आरती का कà¥à¤°à¤® आरमà¥à¤ किया गया है तब से यह गंगा आरती केवल à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं अपितॠसमà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ के परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ और तीरà¥à¤¥à¤¾à¤Ÿà¤¨ के मानचितà¥à¤° पर उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखती है। यहां की दिवà¥à¤¯ गंगा आरती में विशà¥à¤µ के अनेक देशों के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•, राजनैतिक, फिलà¥à¤®à¤œà¤—त, उदà¥à¤¯à¥‹à¤—जगत, वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¤µà¤¿à¤¦à¥, जल राजदूत, राजदूत, संगीत à¤à¤µà¤‚ कला की पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विà¤à¥‚तियां, अनेक महान वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ तथा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ और पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ जगत के अनेक फिलà¥à¤®à¥€ सितारों ने à¤à¥€ सहà¤à¤¾à¤— किया और अà¤à¥€ à¤à¥€ यह कà¥à¤°à¤® जारी है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि “जैसे नदियों की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ धाराà¤à¤, विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ दिशाओं से बहते हà¥à¤ समà¥à¤¦à¥à¤° में आकर मिलती हैं, वैसे ही हम सà¤à¥€ धरà¥à¤® और करà¥à¤® के आधार पर अलग-अलग हों सकते है परनà¥à¤¤à¥ हम सà¤à¥€ à¤à¤• ही सरà¥à¤µà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ ईशà¥à¤µà¤° की सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ है और सà¤à¥€ मारà¥à¤— हमें उस परमपिता परमेशà¥à¤µà¤° की ओर ही ले जाते हैं, हमारी गंगा माठहमें यह संदेश देती है तथा वेदों में उलà¥à¤²à¥‡à¤–ित “वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤‚बकम†का संदेश हमें यही शिकà¥à¤·à¤¾ देता है कि पूरा विशà¥à¤µ à¤à¤• परिवार है।â€à¤®à¤¾à¤¨à¤µ-मानव à¤à¤• समाज, सब के à¤à¥€à¤¤à¤° है à¤à¤—वान, सरà¥à¤µà¥‡ à¤à¤µà¤¨à¥à¤¤à¥ सà¥à¤–िनः, ईशा वासà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤¦à¤‚ सरà¥à¤µà¤‚ यतà¥à¤•à¤¿à¤žà¥à¤š जगतà¥à¤¯à¤¾à¤‚ जगतà¥, इक नूर ते सब जग उपजिया कौन à¤à¤²à¥‡ कौन मंदे ये बड़े अदà¥à¤à¥à¤¤ मंतà¥à¤° है, जो हमें विरासत में मिले है। माठगंगा का पावन तट शानà¥à¤¤à¤¿ के साथ à¤à¤•à¤¤à¤¾ का संदेश à¤à¥€ हमें देता है।