माननीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ रामनाथ कोविनà¥à¤¦ जी, à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पहली महिला शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सविता कोविंद जी अपनी बेटी के साथ परमारà¥à¤¥ निकेतन की दो दिवसीय यातà¥à¤°à¤¾ के दौरान आज शाम गंगा आरती में सहà¤à¤¾à¤— कर वैशà¥à¤µà¤¿à¤• परिवार को किया समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤
रिपोर्ट - आल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
28 नवमà¥à¤¬à¤°, ऋषिकेश। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿, माननीय शà¥à¤°à¥€ रामनाथ कोविनà¥à¤¦ जी, à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पहली महिला शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सविता कोविंद जी अपनी बेटी सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¤¿ जी के साथ परमारà¥à¤¥ निकेतन आशà¥à¤°à¤® पधारे। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी के पावन सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में ऋषिकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने तिलक लगाकर, पà¥à¤·à¥à¤ª वरà¥à¤·à¤¾ और शंख धà¥à¤µà¤¨à¤¿ से सà¤à¥€ का दिवà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। माननीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ जी की दो दिवसीय à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• यातà¥à¤°à¤¾ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨, पारंपरिक समारोह और उचà¥à¤š सà¥à¤¤à¤°à¥€à¤¯ चरà¥à¤šà¤¾à¤“ं के साथ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो रही है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आज सायंकाल परमारà¥à¤¥ निकेतन की विशà¥à¤µ विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ माठगंगा जी की आरती में सहà¤à¤¾à¤— कर वैशà¥à¤µà¤¿à¤• परिवार को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ किया। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी के साथ चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤¯à¥‡ माननीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ महोदय जी ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ और नेतृतà¥à¤µ में चलाठजा रहे विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सेवा कारà¥à¤¯à¥‹ पर विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ चरà¥à¤šà¤¾ की। आज के à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• समारोह की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और डा साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ माननीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ जी और à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पà¥à¤°à¤¥à¤® महिला शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सविता कोविनà¥à¤¦ जी के दिवà¥à¤¯ अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ के साथ हà¥à¤ˆà¥¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने माननीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ जी का सà¥à¤µà¤¾à¤—त करते हà¥à¤¯à¥‡ उनके जीवन की अविशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ जीवन यातà¥à¤°à¤¾, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सेवा के लिठउनकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ और उनके अदà¥à¤à¥à¤¤ नेतृतà¥à¤µ के साथ कà¥à¤®à¥à¤ मेला पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—राज यातà¥à¤°à¤¾ की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को ताजा किया। यह यातà¥à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ से वयं की यातà¥à¤°à¤¾ है, अनेकता से à¤à¤•à¤¤à¤¾ की यातà¥à¤°à¤¾ है। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने बताया कि वरà¥à¤· 1953-54 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¥à¤® राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ राजेनà¥à¤¦à¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ जी और डाॅ सरà¥à¤µà¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ राधा कृषà¥à¤£à¤¨ जी के अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ का à¤à¥€ सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† था। वरà¥à¤· 2019 पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—राज कà¥à¤®à¥à¤ मेला में परमारà¥à¤¥ निकेतन शिविर में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ रामनाथ कोविंद जी का अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ और सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ का सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† था। आज के दिवà¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में मां गंगा, सà¤à¥€ जल निकायों और हमारी पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के संरकà¥à¤·à¤£ और संवरà¥à¤¦à¥à¤§à¤¨ हेतॠपूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ होकर विशà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ गà¥à¤°à¥ˆà¤®à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° नामांकित, à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ गायिका सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤® कौर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित और उनके साथ ही गà¥à¤°à¥ˆà¤®à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° नामांकित देवा पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤² और मितेन, कृषà¥à¤£à¤¾ दास, सीसी वà¥à¤¹à¤¾à¤‡à¤Ÿ और अनà¥à¤¯ साथियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गाया गया à¤à¤• दिवà¥à¤¯ गान ‘गंगा गान’ (गंगा à¤à¤‚थम) गंगा आरती के दौरान पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। यह गंगा गान हम सà¤à¥€ का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ संदेश देता है कि इस पवितà¥à¤° नदी के जल को पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण से बचाने और संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ करने के लिठमिलकर काम करें और अपनी नदी के सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने के लिठमिलकर काम करें। गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² इंटरफेथ वाश à¤à¤²à¤¾à¤¯à¤‚स की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव डा साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती जी ने अपने विचार साà¤à¤¾ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि माननीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ रामनाथ कोविंद जी का à¤à¤¾à¤°à¤¤ का शानदार नेतृतà¥à¤µ वासà¥à¤¤à¤µ में à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• है। à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ की दूरदृषà¥à¤Ÿà¤¿, मिशन और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§à¤¤à¤¾ को पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ है, जिसे अपनी यà¥à¤µà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में सà¥à¤•à¥‚ल जाने के लिठपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 8 किमी पैदल चलना पड़ता था। आज वह समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ यà¥à¤µà¤• हर जाति, धरà¥à¤®, रंग और समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों के लिठनà¥à¤¯à¤¾à¤¯, समानता और अखंडता के पथ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤• के रूप में à¤à¤¾à¤°à¤¤ का नेतृतà¥à¤µ कर रहा है। उनका नेतृतà¥à¤µ - सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के à¤à¤• वकील के रूप में, बिहार के राजà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² और à¤à¤¾à¤°à¤¤ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ के रूप में - सà¤à¥€ के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठसमरà¥à¤ªà¤£ में निहित है - सरà¥à¤µ à¤à¥‚त हिते रताः उनके जीवन का परम उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ है और यही परमारà¥à¤¥ निकेतन का आदरà¥à¤¶ वाकà¥à¤¯, मंतà¥à¤° और मिशन à¤à¥€ है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने पवितà¥à¤° रà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पौधा और इलायची की माला से राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥€ रामनाथ कोविंद जी का दिवà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। आरती के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ माननीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ जी और पà¥à¤°à¤¥à¤® महिला शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सविता कोविंद जी और उनकी बेटी ने पवितà¥à¤° गंगा जी में दीप पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ किये ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान के गायन के साथ गंगा आरती समारोह का समापन हà¥à¤†à¥¤