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स्वामी चिदानन्द सरस्वती और आचार्य बालकृष्ण जलयोद्धा सम्मान से सम्मानित


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण से जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार के जलयोद्धा सम्मान से सम्मानित और नीति आयोग के आदर्श जलग्राम जखनी के कर्मयोद्धा उमाशंकर पांडेय जी ने भेंट कर आशीर्वाद लिया।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

6 दिसम्बर, ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण से जलशक्ति मंत्रालय भारत सरकार के जलयोद्धा सम्मान से सम्मानित और नीति आयोग के आदर्श जलग्राम जखनी के कर्मयोद्धा उमाशंकर पांडेय जी ने भेंट कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़ के परंपरागत सूत्र से रेल से पानी पाने वाले बुंदेलखंड में भूजल का स्तर केवल दस फुट पर लाकर दुनिया में भारतीय जल संरक्षण की परंपरागत तकनीक को किस प्रकार पुनर्जीवित किया इस पर विस्तार से चर्चा की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत में कुछ वर्षों से लगातार कम हो रहे मानसून के कारण 330 मिलियन लोग व देश की लगभग एक-चैथाई जनसंख्या गंभीर सूखे से प्रभावित हैं। भारत के लगभग 50 प्रतिशत क्षेत्र सूखे जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं, विशेष रूप से पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में जल संकट की गंभीर स्थिति बनी हुई है। भारत की 12 प्रतिशत जनसंख्या पहले से ही ‘डे जीरो’ की स्थितियों से गुजर रही है इसलिये हमें वर्षा का जल अधिक-से-अधिक बचाने की कोशिश करना होगा। स्वामी जी ने कहा कि जल का कोई विकल्प नहीं है, जल की एक-एक बूँद अमृत है इसलिये इसे सहेजना बहुत ही जरूरी है। आचार्य बालकृष्ण जी ने कहा कि भारत के पास वर्षाजल संग्रहण के कई तरीके उपलब्ध हैं। कम ढलान वाले इलाकों में परंपरागत तालाबों को बड़े पैमाने पर पुनर्जीवित करके नए तालाब भी हमें बनाने होंगे ताकि कम होते जल से उत्पन्न समस्याओं को कम किया जा सके। यशस्वी ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात में जलग्राम जखनी के बारे में बताते हुए सम्पूर्ण भारत की ग्राम पंचायतों को मेड़बंदी और परंपरागत तरीकों से जलग्राम जखनी की तरह जल सचंयन का सुझाव दिया है। जलयोद्धा उमाशंकर जी के साथ जलग्राम जखनी के निदेशक टिल्लन रिछारिया और समन्वयक लोकेश शर्मा ने बताया की जखनी माडल की तर्ज पर देश के जलाभाव ग्रस्त गांवों में शीघ्रताशीघ्र अपनाने का जन जागरण अभियान पूज्य स्वामी जी के मार्गदर्शन में शीध्रताशीघ्र आरंभ किया जाएगा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने जलयोद्धा उमाशंकर पाण्डेय को रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

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