धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥‚ओं और फेथ à¤à¤‚ड लोकल कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤Ÿà¥€à¤œ पर जà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤‚ट लरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग इनिशिà¤à¤Ÿà¤¿à¤µ में वैशà¥à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° के 800़ से अधिक धरà¥à¤®, आसà¥à¤¥à¤¾ और अकादमिक à¤à¤¾à¤—ीदारों ने सहयोग किया
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
8 दिसंबर 2021, ऋषिकेश। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने यूनिसेफ के दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में रिलिज़न फाॅर पीस और यूनिसेफ के साथ साà¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ में पहली तà¥à¤°à¤¿-पकà¥à¤·à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ उचà¥à¤š-सà¥à¤¤à¤°à¥€à¤¯ बैठक में सहà¤à¤¾à¤— किया। जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो कि यूनिसेफ का बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ और कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठधरà¥à¤® और आसà¥à¤¥à¤¾ आधारित नेताओं और नागरिक समाज के à¤à¤¾à¤—ीदारों के साथ सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ रूप से कारà¥à¤¯ करने का à¤à¤• लंबा इतिहास रहा है। दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ में जहां बड़ी आबादी, असमानताà¤à¤‚ और सामाजिक शतà¥à¤°à¥à¤¤à¤¾ के बीच जीवन यापन कर रही हैं, उनके सहयोग और जीवन में शांति हेतॠवैशà¥à¤µà¤¿à¤• धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥‚ओं को à¤à¤• साथ ऑनलाइन पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® पर आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया है। इस वेबनाॅर का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚, यà¥à¤µà¤¾à¤“ं, महिलाओं और हासिठपर रह रहे परिवारों की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ, कलà¥à¤¯à¤¾à¤£, उनके जीवन में सकारातà¥à¤®à¤• सà¥à¤§à¤¾à¤° तथा सामाजिक और वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° पर परिवरà¥à¤¤à¤¨ लाने के लिये मिलकर पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना है। इस अवसर पर कई देशों के धारà¥à¤®à¤¿à¤• मामलों के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤°à¥€ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯à¥‹à¤‚ और राजà¥à¤¯ निकायों सहित अनà¥à¤¯ देशों में सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– धारà¥à¤®à¤¿à¤• नेताओं, आसà¥à¤¥à¤¾ अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾à¤“ं और à¤à¤«à¤¬à¥€à¤“ ने इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में सहà¤à¤¾à¤— किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि मानव के अधिकारों की रकà¥à¤·à¤¾ तà¤à¥€ संà¤à¤µ है जब पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के अधिकार सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ होंगे। साथ ही मौलिक सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं को अनà¥à¤¤à¤¿à¤® छोर पर खड़े वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तक पहà¥à¤‚चाने के लिये उन समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करना जरूरी है ताकि 21 सदी में à¤à¥€ जो गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की जिनà¥à¤¦à¤—ी जी रहे है उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आजादी मिल सके। à¤à¤¾à¤°à¤¤ सहित विशà¥à¤µ के अनेक देश à¤à¤¸à¥‡ है जहां पर निवास कर रही बड़ी आबादी तक मौलिक सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं की पहà¥à¤‚च नहीं है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की मौलिक सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं तक पहà¥à¤‚च को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करने पर समाज में विलकà¥à¤·à¤£ परिवरà¥à¤¤à¤¨ हो सकता है। अब समय आ गया है कि हम मानव के जीवन की रकà¥à¤·à¤¾ के साथ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पर à¤à¥€ विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि नैसरà¥à¤—िक अधिकारों की रकà¥à¤·à¤¾ के लिये नैसरà¥à¤—िक जीवन शैली अपनाना नितांत आवशà¥à¤¯à¤• है। साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚, महिलाओं और मौलिक सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं के अà¤à¤¾à¤µ में जीवन यापन कर रहे लोगों का जीवन तà¤à¥€ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रह सकता है जब हमारी वायà¥, मिटà¥à¤Ÿà¥€ और जल सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रहेंगे, इसके लिये हमें पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का संरकà¥à¤·à¤£ मिलकर करना होगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि ये धरती हम सब की है, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का तो सूतà¥à¤° वाकà¥à¤¯ à¤à¥€ यही है वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤®à¥, हम सब à¤à¤• परिवार है।