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सादगी से मना शांतिकुंज अधिष्ठात्री का जन्मदिन देश-विदेश के गायत्री साधकों, संतों सहित राजनेताओं ने भी दी शुभकामनाएँ


अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेया शैलदीदी का ७०वाँ जन्मदिन सादगी से मनाया गया। इस दौरान प्रातःकाल दीपमहायज्ञ के साथ जन्मदिवस के वैदिक कर्मकाण्ड पूरा किया। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने मंगल तिलक कर पुष्पाहार भेंट किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार १४ दिसंबर। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेया शैलदीदी का ७०वाँ जन्मदिन सादगी से मनाया गया। इस दौरान प्रातःकाल दीपमहायज्ञ के साथ जन्मदिवस के वैदिक कर्मकाण्ड पूरा किया। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने मंगल तिलक कर पुष्पाहार भेंट किया। पश्चात शांतिकुंज, देसंविवि परिवार ने पुष्पगुच्छ भेंटकर दीर्घायृु एवं स्वस्थ जीवन की मंगलकामना की। तो वहीं शांतिकुंज के नौनिहालों ने भी अपनी शुभेच्छा प्रकट की। इस अवसर पर अमेरिका, इंग्लैण्ड , कनाडा, मलेशिया आदि देशों के अलावा देशभर के गायत्री परिजनों ने शुभकामनाएँ दी। करोड़ों गायत्री परिवार के श्रद्धा के केन्द्र रूप में विराजमान शांतिकुंज की अधिष्ठात्री शैलदीदी गायत्री परिवार के संस्थापकद्वय पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के बाद जहाँ कुशल संगठक के रूप में इस परिवार की बागडोर सँभाला, तो वहीं उन्होंने नारी जागरण आन्दोलन द्वारा देश-विदेश में नारियों को पर्दाप्रथा, मूढ़मान्यताओं से निकालकर उन्हें न केवल घर, परिवार समाज में समुचित सम्मान दिलाया है, अपितु धर्म-अध्यात्म से जोड़कर वैदिक कर्मकाण्ड परंपरा में पारंगत कर उन्हें ब्रह्मवादिनी की भूमिका संचालित करने योग्य बनाया है। आज उन्हीं के पुरुषार्थ से देश-विदेश की हजारों, लाखों महिलाएँ यज्ञ सहित विभिन्न संस्कारों का सफल संचालन कर रही हैं। संगठन की मजबूती एवं विस्तार के साथ उसके उद्देश्य को संपूर्ण मानवता तक पहुँचाने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन होम दिया है। करोड़ों लोगों के विराट् जन समूह को आश्वस्त करते हुए शैलदीदी कहती हैं- ‘यह दैवीय शक्ति द्वारा संचालित मिशन सतत आगे ही बढ़ता जायेगा। कोई भी झंझावत इसे हिला नहीं सकेगा।’ इससे पूर्व जन्मदिन के अवसर पर प्रातः २७ कुण्डीय यज्ञ में उनकी उत्तम स्वास्थ्य यज्ञाहुतियाँ डाली गयीं तथा विगत दिनों हेलीकाप्टर दुर्घटना में शहीद हुए सीडीएस विपिन रावत जी सहित अन्य सैन्यकर्मियों, जवानों की आत्मा की शांति हेतु प्रार्थनाएँ हुई। सायंकाल गीता जयंती के अवसर पर उत्साहपूर्वक गीताजी एवं दीप यात्रा कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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