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संत समाज ने धर्म संसद में वसीम रिजवी के जितेंद्र त्यागी बनने पर किया भव्य अभिनंदन


दुनिया के प्रत्येक विधर्मी को सनातन धर्म मे आने का निमंत्रण देंगे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी और उनके साथी संतगण

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

वेद निकेतन धाम भूपतवाला में हिन्दू स्वाभिमान के तत्वाधान में तथा ब्रह्मलीन स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती व स्वर्गीय बैकुंठ लाल शर्मा"प्रेम सिंह शेर" जी की पावन स्मृति में हो रही तीन दिवसीय धर्म संसद के दूसरे दिन सभी सन्तो ने हृदय खोलकर वसीम रिजवी के जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बनने पर उनका भव्य अभिनन्दन और स्वागत किया और हर तरह से उनका साथ देने का संकल्प किया। आज धर्म संसद की प्रस्तावना पर प्रकाश डालते महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि वेद की आज्ञा है कि सम्पूर्ण विश्व को आर्य बनाना हर आर्य का कर्तव्य है।आर्य बनाने का शुभारंभ किसी भी व्यक्ति से उसका अपधर्म छुड़ाकर की जाती है।सर्वप्रथम कोई भी व्यक्ति अपना धर्म छोड़कर सनातन की शरण लेता है और उसके बाद उसके आर्य बनने का मार्ग प्रशस्त होता है।सनातन की सबसे बड़ी कुरीति जातिवाद है जो किसी भी विधर्मी को सनातन में आने से रोक देता है।परंतु आज के युवा संत और सामाजिक कार्यकर्ता इस बुराई को समाप्त को करने के लिये कृतसंकल्पित दिखाई दे रहे हैं।अब जातिवाद को छोड़कर मार्ग प्रशस्त हो रहा है सनातन की ओर विश्व के वापस आने का जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण है वसीम रिजवी का जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो जाना।यह तब सम्भव हुआ जब त्यागी समाज के युवाओं ने आगे बढ़कर ईरानी मूल के सैय्यद मुसलमान वसीम रिजवी को अपने समाज मे भाई की तरह सम्मिलित किया और उनके साथ हर तरह का सम्बंध स्थापित करने का प्रण लिया।सब हिन्दुओ के हर समाज को आगे बढ़कर त्यागी समाज का अनुसरण करना है। श्रीअखण्ड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पण्डित अधीर कौशिक जी के नेतृत्व आचार्य पवनकृष्ण शास्त्री,रोहित शर्मा, सनोज शास्त्री तथा अन्य ब्राह्मणों ने खुले मन से जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी का वेद मन्त्रो के वाचन और पुष्प वर्षा के साथ अभिनंदन और स्वागत किया। धर्म संसद में सर्व सम्मति से तय किया गया कि संत समाज सम्पूर्ण विश्व के गैर हिन्दुओ को सनातन धर्म में आमंत्रित करेगा और इसके लिए विश्वव्यापी अभियान आरम्भ किया जाएगा। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव रविन्द्र पूरी जी ने इस मुहिम का समर्थन करते हुए इसमें हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया। पण्डित अधीर कौशिक जी ने धर्म संसद में हिन्दू समाज को जातिवाद की बुराई से मुक्ति दिलाने का संकल्प लेते हुए कहा कि अब किसी को भी हम अपने मतभेदों का फायदा उठाने नहीं देंगे।अब हम ब्राह्मण से लेकर बाल्मीकि एक परिवार हैं और एक परिवार बनकर ही अपने शत्रुओं के सामने खड़े हैं। आज धर्मसंसद में महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी जी, महामंडलेश्वर अनंतानंद जी, महामंडलेश्वर डॉ प्रेमानंद जी,महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती जी,महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद गिरी जी, महामंडलेश्वर स्वामी सन्तोषनन्द जी,महामंडलेश्वर माँ मधुरा,महामंडलेश्वर लोकेशनन्द गिरी,श्री महन्त लोकेश दास, साध्वी प्राची,महन्त रामेश्वरानंद जी,बालयोगी ज्ञाननाथ, कुलदीप सैनी, अंकित चौहान, मनीष उपाध्यक्ष, अरुण त्यागी, भूपेंद्र चौहान, नितिन चौहान, विनय कटारिया, बजरंग, पुनीत, विनोद आजाद, दीपक हिंदू तथा अन्य सन्तो में अपने विचार व्यक्त किये।

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