परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने फिजी गणराजà¥à¤¯ के उचà¥à¤šà¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ कमलेश शशि पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जी को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में उचà¥à¤šà¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ के रूप में उनकी नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ और फिजी के बीच अतà¥à¤¯à¤‚त मधà¥à¤° और मैतà¥à¤°à¥€à¤ªà¥‚रà¥à¤£ संबंध हैं मà¥à¤à¥‡ लगता है आपके आने से दोनों राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ के संबंध और शांतिपूरà¥à¤£ और समृदà¥à¤§à¤¿ से यà¥à¤•à¥à¤¤ होंगे।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
ऋषिकेश, 18 दिसमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने फिजी गणराजà¥à¤¯ के उचà¥à¤šà¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ कमलेश शशि पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जी को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में उचà¥à¤šà¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ के रूप में उनकी नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ देते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ और फिजी के बीच अतà¥à¤¯à¤‚त मधà¥à¤° और मैतà¥à¤°à¥€à¤ªà¥‚रà¥à¤£ संबंध हैं मà¥à¤à¥‡ लगता है आपके आने से दोनों राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ के संबंध और शांतिपूरà¥à¤£ और समृदà¥à¤§à¤¿ से यà¥à¤•à¥à¤¤ होंगे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी और उचà¥à¤šà¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ कमलेश शशि पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जी ने यà¥à¤µà¤¾à¤“ं में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को रोपित करने के साथ फिज़ी में परमारà¥à¤¥ निकेतन की शाखायें खोलने और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के लिये उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी को आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि शà¥à¤°à¥€ कमलेश शशि पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जी का विशà¥à¤µ शानà¥à¤¤à¤¿ हवन में सहà¤à¤¾à¤— करना और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उतà¥à¤¸à¥à¤•à¤¤à¤¾ यह दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है कि 150 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ फिज़ी गये à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अब à¤à¥€ अपनी दिवà¥à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को सहेज कर रखा हैं। शà¥à¤°à¥€ कमलेश जी की à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में जो आसà¥à¤¥à¤¾ और निषà¥à¤ ा है यह à¤à¤• उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ उदाहरण है, à¤à¤¸à¥‡ अनेक उदाहरण हैैै, जो आज à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को जी रहे हैं तथा फिज़ी में à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को जीवंत बनाये रखा है। वहां पर लगà¤à¤— हर घर में हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ चालीसा, शà¥à¤°à¥€ रामचरितà¥à¤° मानस का पाठऔर मंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का गान होता है। फिज़ी वासी आज à¤à¥€ अपनी जड़ों से जà¥à¥œà¥‡ हà¥à¤¯à¥‡ है और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को जी रहे हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि अपनी गौरवशाली संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से जà¥à¥œà¥‡à¤‚ रहे, अपनी जड़ों से जà¥à¥œà¥‡à¤‚, तथा अपने घरों में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¦à¥ à¤à¤—वत गीता, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ चालीसा और रामायण का पाठअवशà¥à¤¯ करें ताकि यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ में सतà¥à¤¸à¤‚ग की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ और संसà¥à¤•à¤¾à¤° बà¥à¤¤à¥‡ रहे। फिजी गणराजà¥à¤¯ के उचà¥à¤šà¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€ कमलेश शशि पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जी ने कहा कि परमारà¥à¤¥ निकेतन की यातà¥à¤°à¤¾ मेरी सबसे यादगार यातà¥à¤°à¤¾à¤“ं में से à¤à¤• है। पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी से निवेदन है कि फिज़ी में à¤à¥€ परमारà¥à¤¥ निकेतन की शाखायें खोली जाये ताकि वहां पर à¤à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ की शिकà¥à¤·à¤¾ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को मिल सकें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी का सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯, आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦, साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी के सतà¥à¤¸à¤‚ग और माठगंगा जी की आरती अतà¥à¤¯à¤‚त आननà¥à¤¦à¤¦à¤¾à¤¯à¤• था। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का दिवà¥à¤¯ पौधा देकर उचà¥à¤šà¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ कमलेश शशी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ जी का अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ किया।