Latest News

आईआईएल ने गोट पॉक्स वैक्सीन लॉन्च किया


एक प्रमुख वैक्सीन निर्माता, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (आईआईएल) - ने देश में बकरियों की आबादी के लिए ’गोट पॉक्स वैक्सीन (रक्षा गोट पॉक्स)’ लॉन्च किया है। रक्षा गोट पॉक्स वैक्सीन से हमारे देश में गोट पॉक्स रोग के नियंत्रण में मदद मिलने की उम्मीद है, जिसका देश के ग्रामीण पशुधन पालकों के बीच काफी आर्थिक महत्व है।

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

देहरादून, दिसंबर 19, 2021- एक प्रमुख वैक्सीन निर्माता, इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (आईआईएल) - ने देश में बकरियों की आबादी के लिए ’गोट पॉक्स वैक्सीन (रक्षा गोट पॉक्स)’ लॉन्च किया है। रक्षा गोट पॉक्स वैक्सीन से हमारे देश में गोट पॉक्स रोग के नियंत्रण में मदद मिलने की उम्मीद है, जिसका देश के ग्रामीण पशुधन पालकों के बीच काफी आर्थिक महत्व है। भारत में बकरियों की आबादी लगभग 15 करोड़ है और यह रोग एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व के कई हिस्सों में स्थानिक है। गोट पॉक्स अत्यधिक संक्रामक रोग है और एरोसोल, संपर्क तथा वैक्टर्स जैसे मक्खियों आदि के माध्यम से भी फैलता है। इस बीमारी से हर उम्र, नस्ल और लिंग की बकरियां प्रभावित होती हैं लेकिन युवा, बूढ़े और स्तनपान कराने वाले जानवरों को यह रोग बहुत गंभीर रूप से प्रभावित करता है। इस रोग में पशुओं को तेज बुखार, खाल, चेहरे, मुंह के म्यूकस मेंब्रेंस, कंजंक्टिवा, नेजल केविटीज, गंभीर आंतरिक घावों (फेफड़े, प्रजनन और पाचन तंत्र) पर सामान्य नॉडल्स/पपल्स हो जाते हैं और आखिर में कई मामलों में उनकी मृत्यु तक हो जाती है। एक अध्ययन के मुताबिक गोट पॉक्स की व्यापकता की दर कृषि जलवायु क्षेत्रों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है और कुछ भागों में 48 प्रतिशत तक हो सकती है। गोट पॉक्स की मॉर्बिडिटी (रुग्णता) दर 100 प्रतिशत तक और मृत्यु दर 85 प्रतिशत तक हो सकती है, इस तरह छोटे पशु-किसानों या पशुपालकों को भारी नुकसान होता है। आईआईएल का गोट पॉक्स वैक्सीन एक जीवित क्षीण टीका आई.पी. (उत्तरकाशी स्ट्रेन) वेरो सेल कल्चर से तैयार किया जाता है। प्राथमिक टीकाकरण 3 महीने की उम्र में किया जाना है और प्रति वर्ष 1 मिलीलीटर की खुराक दर के साथ टीकाकरण, त्वचा के नीचे किया जाना है। गोट पॉक्स के टीके की मैन्यूफैक्चरिंग और टेस्टिंग के लिए टेक्नोलॉजी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईवीआरआई), भारत सरकार से प्राप्त की गई और कॉमर्शियल रिलीज के लिए आईवीआरआई द्वारा टेस्टेड और सर्टिफाइड किया गया है। इससे पहले आईआईएल ने आईवीआरआई के साथ तकनीकी हस्तांतरण व्यवस्था के तहत कई अन्य टीके जैसे क्लासिकल स्वाइन फीवर वैक्सीन, पीपीआर वैक्सीन आदि लॉन्च किए थे। लॉन्चिंग फंक्शन के अवसर पर बोलते हुए, आईआईएल के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉ के आनंद कुमार ने कहा, “इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स राष्ट्रीय हित के मद्देनजर ऐसे प्रॉडक्ट्स को लॉन्च करने के लिए प्रतिबद्ध है और सीमांत पशुपालकों को उनकी आजीविका बेहतर बनाने के लिए भरपूर मदद करेगा और उनके पशुओं को विभिन्न बीमारियों से बचाएगा।” गोट पॉक्स वैक्सीन लॉन्च इवेंट में आईआईएल के, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉ. प्रियब्रत पटनायक और एनिमल हेल्थ ट्रेड के वाइस प्रेसिडेंट श्री शोभन बाबू भी मौजूद थे।

Related Post