बेल का पेड़ बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ है। इस पेड़ में पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ पीले लगे हà¥à¤ फल दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ हरे हो जाते हैं तथा इसको तोड़कर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखे हà¥à¤ पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को 6 महीने तक जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बने रहते हैं और गà¥à¤£à¤¹à¥€à¤¨ नहीं होते। इस पेड़ की छाया शीतल और आरोगà¥à¤¯ कारक होती हैं। इसलिठइसे पवितà¥à¤° माना जाता है।
रिपोर्ट - वैध दीपक कà¥à¤®à¤¾à¤°
बेल का पेड़ बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ है। इस पेड़ में पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ पीले लगे हà¥à¤ फल दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ हरे हो जाते हैं तथा इसको तोड़कर सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखे हà¥à¤ पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को 6 महीने तक जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बने रहते हैं और गà¥à¤£à¤¹à¥€à¤¨ नहीं होते। इस पेड़ की छाया शीतल और आरोगà¥à¤¯ कारक होती हैं। इसलिठइसे पवितà¥à¤° माना जाता है। *बेलपतà¥à¤° के 29 दिवà¥à¤¯ औषधीय पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— और फायदे :* 1. जब कà¤à¥€ आपको बà¥à¤–ार हो जाठतो बेल की पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ (Bel patra)का काढ़ा बना लें और फिर उसे पी जाà¤à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ करने से आपका बà¥à¤–ार तà¥à¤°à¤‚त ठीक हो जाà¤à¤—ा। यही नहीं, मधà¥à¤®à¤•à¥à¤–ी, बरà¥à¤° अथवा ततैया के काटने पर बहà¥à¤¤ जलन होती है, यह हम सà¤à¥€ जानते हैं, à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में काटे गठसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर बेलपतà¥à¤° का रस लगाना बहà¥à¤¤ उपयोगी साबित होगा। 2. जान लें कि हृदय (heart) रोगियों के लिठà¤à¥€ बेलपतà¥à¤° (Bel patra)का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— बेहद असरदार है। बेलपतà¥à¤° का काढ़ा रोजाना बनाकर पीने से आपका हृदय हमेशा मजबूत रहेगा और हारà¥à¤Ÿ अटैक का खतरा à¤à¥€ कम होगा। वहीं, शà¥à¤µà¤¾à¤¸ रोगियों के लिठà¤à¥€ यह बेलपतà¥à¤° किसी अमृत से कम नहीं है। इन पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ (Bel patra)का रस पीने से शà¥à¤µà¤¾à¤¸ रोग में काफी लाठहोता है। 3. शरीर में जब कà¤à¥€ गरà¥à¤®à¥€ बहà¥à¤¤ बढ़ जाठया मà¥à¤‚ह में गरà¥à¤®à¥€ के कारण छाले हो जाà¤à¤‚, तो बेल की पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚(Bel patra) को मà¥à¤‚ह में रखकर चबाते रहे। इससे लाठजरूर मिलेगा और छाले समापà¥à¤¤ हो जाà¤à¤‚गे। 4. इन दिनों बवासीर नामक बीमारी बहà¥à¤¤ ही आम हो गई है। सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तकलीफ देह होती है खूनी बवासीर। बेल की जड़ का गूदा पीसकर बराबर मातà¥à¤°à¤¾ में मिशà¥à¤°à¥€ मिलाकर उसका चूरà¥à¤£ बनाकर, इस चूरà¥à¤£ को रोज़ सà¥à¤¬à¤¹-शाम ठंडे पानी के साथ खा लें। अगर बवासीर का दरà¥à¤¦ बहà¥à¤¤ अधिक है तो दिन में तीन से चार बार लें। इससे आपकी बवासीर की समसà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤°à¤‚त ठीक हो जाà¤à¤—ी। 5. वहीं अगर किसी कारण से बेल की जड़ उपलबà¥à¤§ न हो सके तो बेसà¥à¤Ÿ ऑपà¥à¤¶à¤¨ होगा कि आप कचà¥à¤šà¥‡ बेलफल का गूदा, सौंफ और सौंठमिलाकर उसका काढ़ा बना कर सेवन कर लें। यह बेहद लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• है। 6. बरसात (monsoon) आता नहीं कि सरà¥à¤¦à¥€, जà¥à¤•à¤¾à¤® और बà¥à¤–ार की समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ तैयार रहती हैं लोगों पर अटैक करने के लिà¤à¥¤ अगर आप बेलपतà¥à¤° के रस में शहद मिलाकर पीà¤à¤‚गे तो बहà¥à¤¤ फायदा पहà¥à¤‚चेगा। वहीं विषम जà¥à¤µà¤° हो जाने पर इसके पेसà¥à¤Ÿ की गोलियां बनाकर गà¥à¤¡à¤¼ के साथ खाई जाती हैं। 7. अकसर छोटे-छोटे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के पेट या आंतों में कीड़े हो जाते हैं या फिर बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ में दसà¥à¤¤ लगने की समसà¥à¤¯à¤¾ हो जाती है तो आप बेलपतà¥à¤° का रस पिलाà¤, इससे काफी फायदा होगा और यह समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ समापà¥à¤¤ हो जाती हैं। 8. à¤à¤• चमà¥à¤®à¤š रस पिलाने से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के दसà¥à¤¤ तà¥à¤°à¤‚त रà¥à¤• जाते हैं। 9. संधिवात में पतà¥à¤¤à¥‡ गरà¥à¤® करके बाà¤à¤§à¤¨à¥‡ से सूजन व दरà¥à¤¦ में राहत मिलती है। 10. बेलपतà¥à¤° पानी में डालकर सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने से वायॠका शमन होता है, सातà¥à¤¤à¥à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ बढ़ती है। 11.बेलपतà¥à¤° का रस लगाकर आधे घंटे बाद नहाने से शरीर की दà¥à¤°à¥à¤—नà¥à¤§ दूर होती है। 12. पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के रस में मिशà¥à¤°à¥€ मिलाकर पीने से अमà¥à¤²à¤ªà¤¿à¤¤à¥à¤¤ (Acidity) में आराम मिलता है। 13. सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अधिक मासिक सà¥à¤°à¤¾à¤µ व शà¥à¤µà¥‡à¤¤à¤¸à¥à¤°à¤¾à¤µÂ (Leucorrhoea) में बेलपतà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ जीरा पीसकर दूध में मिलाकर पीना खूब लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ है। यह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ में होने वाले धातà¥à¤¸à¥à¤°à¤¾à¤µÂ को à¤à¥€ रोकता है। 14. तीन बिलà¥à¤µà¤ªà¤¤à¥à¤° व à¤à¤• काली मिरà¥à¤š सà¥à¤¬à¤¹ चबाकर खाने से और साथ में ताड़ासन व पà¥à¤²-अपà¥à¤¸ करने से कद बढ़ता है। नाटे ठिंगने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठयह पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤°à¥‚प है। 15. मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ (डायबिटीज) में ताजे बिलà¥à¤µà¤ªà¤¤à¥à¤° अथवा सूखे पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का चूरà¥à¤£ खाने से मूतà¥à¤°à¤¶à¤°à¥à¤•à¤°à¤¾ व मूतà¥à¤°à¤µà¥‡à¤— नियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ होता है। 16. बेल पतà¥à¤° के सेवन से शरीर में आहार के पोषक ततà¥à¤µ अधिकाधिक रूप से अवशोषित होने लगते है | 17. इसके सेवन से मन à¤à¤•à¤¾à¤—à¥à¤° रहता है और धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¤ करने में सहायता मिलती है 18. इसके सेवन से शारीरिक वृदà¥à¤§à¤¿ होती है | 19. इसके पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का काढा पीने से हà¥à¤°à¤¦à¤¯ मज़बूत होता है | 20. बारिश के दिनों में अकà¥à¤¸à¤° आà¤à¤– आ जाती है यानी कंजकà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤¾à¤ˆà¤Ÿà¥€à¤¸ हो जाता है . बेल पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का रस आà¤à¤–ों में डालने से ; लेप करने से लाठहोता है | 21. इसके पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के 10 गà¥à¤°à¤¾à¤® रस में 1 गà¥à¤°à¤¾. काली मिरà¥à¤š और 1 गà¥à¤°à¤¾. सेंधा नमक मिला कर सà¥à¤¬à¤¹ दोपहर और शाम में लेने से अजीरà¥à¤£ में लाठहोता है | 22.बेल पतà¥à¤° , धनिया और सौंफ सामान मातà¥à¤°à¤¾ में ले कर कूटकर चूरà¥à¤£ बना ले , शाम को 10 -20 गà¥à¤°à¤¾. चूरà¥à¤£ को 100 गà¥à¤°à¤¾. पानी में à¤à¤¿à¤—ो कर रखे , सà¥à¤¬à¤¹ छानकर पिठ| सà¥à¤¬à¤¹ à¤à¤¿à¤—ोकर शाम को ले, इससे पà¥à¤°à¤®à¥‡à¤¹ और पà¥à¤°à¤¦à¤° में लाठहोता है | शरीर की अतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿à¤• गरà¥à¤®à¥€ दूर होती है | 23. बरसात के मौसम में होने वाले सरà¥à¤¦à¥€ , खांसी और बà¥à¤–ार के लिठबेल पतà¥à¤° के रस में शहद मिलाकर ले | 24. बेल के पतà¥à¤¤à¥‡à¤‚ पीसकर गà¥à¤¡ मिलाकर गोलियां बनाकर रखे. इसे लेने से विषम जà¥à¤µà¤° में लाठहोता है | 25. दमा या असà¥à¤¥à¤®à¤¾ के लिठबेल पतà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का काढा लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ है| 26. सूखे हà¥à¤ बेल पतà¥à¤° धà¥à¤ª के साथ जलाने से वातावरण शà¥à¤¦à¥à¤§ होता है| 27. पेट के कीड़ें नषà¥à¤Ÿ करने के लिठबेल पतà¥à¤° का रस लें| 28. संधिवात में बेल पतà¥à¤° गरà¥à¤® कर बाà¤à¤§à¤¨à¥‡ से लाठमिलता है | 29. महिलाओं में अधिक मासिक सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ और शà¥à¤µà¥‡à¤¤ पà¥à¤°à¤¦à¤° के लिठऔर पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ में धातà¥à¤¸à¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ हो रोकने के लिठबेल पतà¥à¤° और जीरा पीसकर दूध के साथ पीना चाहिà¤| *Vaid Deepak Kumar* *Adarsh Ayurvedic Pharmacy* *Kankhal Hardwar* *aapdeepak.hdr@gmail.com* *9897902760*