अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के पूरà¥à¤µ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरि महाराज को मायापà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरंजनी में संत समाज ने शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की। इस दौरान बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरी महाराज के शिषà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ बाघमà¥à¤¬à¤°à¥€ पीठाधीशà¥à¤µà¤° शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरी महाराज à¤à¤• यà¥à¤—पà¥à¤°à¥à¤· थे।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 24 दिसमà¥à¤¬à¤°à¥¤ अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के पूरà¥à¤µ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरि महाराज को मायापà¥à¤° सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरंजनी में संत समाज ने शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ की। इस दौरान बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरी महाराज के शिषà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ बाघमà¥à¤¬à¤°à¥€ पीठाधीशà¥à¤µà¤° शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरी महाराज à¤à¤• यà¥à¤—पà¥à¤°à¥à¤· थे। जिनके आकसà¥à¤®à¤¿à¤• निधन से à¤à¤• यà¥à¤— का अंत हà¥à¤† है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना संपूरà¥à¤£ जीवन सनातन धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के लिठसमरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया और सà¤à¥€ संत महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को à¤à¤• मंच पर लाकर राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤•à¤¤à¤¾ अखंडता को कायम रखा। राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में उनका अतà¥à¤²à¥à¤¯ योगदान कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ नहीं जा सकता। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ के सानिधà¥à¤¯ में अनेकों कà¥à¤‚ठमेले सकà¥à¤¶à¤² संपनà¥à¤¨ हà¥à¤ और धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ संवरà¥à¤§à¤¨ के लिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अनेक मंच à¤à¤µà¤‚ सà¤à¤¾à¤“ के माधà¥à¤¯à¤® से यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ को जागृत किया। à¤à¤¸à¥‡ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को संत समाज सदैव सà¥à¤®à¤°à¤£ करता रहेगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि पूजà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥à¤¦à¥‡à¤µ की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को संजोठरखने के लिठपूरे देश में सेवा पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ª सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर समाज हित में समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किठजाà¤à¤‚गे। अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ मां मनसा देवी मंदिर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरी महाराज à¤à¤• विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ तपसà¥à¤µà¥€ संत थ।े जिनके नेतृतà¥à¤µ में सà¤à¥€ तेरह अखाड़े समाज में फैली कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को दूर कर धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ संवरà¥à¤§à¤¨ में अपना सहयोग पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर रहे थ।े उनका असमय निधन समसà¥à¤¤ संत समाज के लिठअपूरà¥à¤£à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¤¤à¤¿ है। जिसे कà¤à¥€ पूरा नहीं किया जा सकता। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने फरà¥à¤œà¥€ संतों के खिलाफ मà¥à¤¹à¤¿à¤® चलाकर समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ किया और अपने तप à¤à¤µà¤‚ विदà¥à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ के माधà¥à¤¯à¤® से à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¥€ को संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¨ बनाया। ताकि यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ पर पाशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ हावी ना हो सके और वह अपने धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को पहचानंे। समाज कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में उनका सहयोग कà¤à¥€ à¤à¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ नहीं जा सकता। शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त राम रतन गिरी à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त केशव पà¥à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहता है और बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त नरेंदà¥à¤° गिरी महाराज तो साकà¥à¤·à¤¾à¤¤ तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¤µà¤‚ तपसà¥à¤¯à¤¾ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ थे। जो गौ गंगा à¤à¤µà¤‚ गायतà¥à¤°à¥€ के पà¥à¤°à¤¬à¤² समरà¥à¤¥à¤• थे। गंगा सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ मानव सेवा उनके जीवन का मूल उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ था। उनके आदरà¥à¤¶ पूरà¥à¤£ जीवन से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर सà¤à¥€ को समाज सेवा में अपना सहयोग पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करना चाहिठऔर धरà¥à¤® à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ संवरà¥à¤§à¤¨ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहना चाहिà¤à¥¤ तà¤à¥€ समाज à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ होकर उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° रह सकता है। इस अवसर पर शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त ओंकार गिरी, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त राधे गिरी, दिगंबर गंगागिरी, महंत गà¥à¤°à¤®à¥€à¤¤ सिंह, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रविदेव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिहरानंद, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दिनेश दास, महंत सà¥à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤£ मà¥à¤¨à¤¿, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आलोक गिरी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ आशà¥à¤¤à¥‹à¤· पà¥à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रघॠवन, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रवि वन, दिगंबर राजगिरी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पूरà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤‚द गिरी सहित कई संत महापà¥à¤°à¥à¤· उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।