Latest News

परमार्थ नारी सशक्ति केन्द्र में सौन्द्रर्य प्रशिक्षण केन्द्र एवं इंग्लिश स्पीकिंग कोर्सेज़ एवं क्लासेस का शुभारम्भ


भारत रत्न, उदारमना व भारत के अभूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी जी और भारत रत्न महामना श्री मदन मोहन मालवीय जी को अर्पित की भावभीनी श्रद्धांजलि

रिपोर्ट  - à¤‘ल न्यूज़ ब्यूरो

ऋषिकेश, 25 दिसम्बर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी के पावन सान्निध्य और मार्गदर्शन में परमार्थ नारी सशक्ति केन्द्र में सौन्द्रर्य प्रशिक्षण और इंग्लिश स्पीकिंग कोर्सेस एवं क्लासेस का शुभारम्भ भारत रत्न, उदारमना व भारत के अभूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी जी और भारत रत्न महामना श्री मदन मोहन मालवीय जी के जन्मदिवस के अवसर पर किया गया। इस दिव्य अवसर पर परमार्थ विद्या मंदिर और परमार्थ नारी सशक्ति केन्द्र की विद्यार्थियों ने योग, कराटे, नृत्य, संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी ने आज ब्रह्मलीन स्वामी प्रकाश भारती जी महाराज के पुण्यतिथि के अवसर पर भण्डारा का आयोजन किया और बड़े ही प्रेम से सभी संतों और बच्चों को भोजन कराया और गिफ्ट, उपहार वितरित किये। ज्ञात हो कि परमार्थ नारी सशक्ति केन्द्र में योग, सिलाई-कढ़ाई, कम्प्यूटर, कराटे का प्रशिक्षण पहले से ही दिया जा रहा है। विद्यार्थियों के विशेष अनुरोध पर आज ब्यूटी पार्लर और इंग्लिश स्पिकिंग की कक्षाओं का शुभारम्भ किया गया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण और समग्र विकास के लिये नारी शक्ति का विशेष और असीमित योगदान है। नारियों को अपने अस्तित्व की स्वतंत्रता कायम रखने के लिये आत्मनिर्भर बनाना होगा; अपने कौशल को विकसित करना होगा। राष्ट्र को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिये नारियों का उत्थान एवं सशक्तीकरण नितांत आवश्यक है। गरीबों और हाशिये पर खड़े लोगों के जीवन में बदलाव के लिये कौशल विकास के माध्यम से स्व-रोजगार विकसित करना होगा तभी पूरा राष्ट्र एक साथ विकास कर सकता है। डा साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि दूसरे की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है और आज का दिन हमें यही शिक्षा देता है। हमें सेवा की एक चेन बनानी होगी, आप सब विद्यार्थी यहां से प्रशिक्षित होकर जायें और दूसरों के लिये प्रेरणा का स्रोत बनें। योगाचार्य श्री विमल वधावन जी ने कहा कि हमें अपने जीवन को सब के साथ मिलकर श्रेष्ठ बनाना है इसके लिये योग और ध्यान अत्यंत आवश्यक है। हम अपने जीवन को पूर्ण बनाना चाहते है तो परमात्मा से जुड़ना होगा। इस अवसर पर योगाचार्य श्री विमल वधावन जी, रेखा मशरूवाला, रूचि राय, उपासना पात्रा, स्वामी सेवानन्द जी, परमार्थ विद्या मन्दिर की प्राचार्य आशा जी, कराटे शिक्षक राजपूत जी एवं अन्य शिक्षक, परमार्थ नारी सशक्ति केन्द्र के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने सहभाग किया।

Related Post