सनातन वैदिक राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ और सनातन धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ जैसे सात महान उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये माठगंगा के तट पर गà¥à¤°à¥ कारà¥à¤·à¥à¤£à¤¿ घाट पर आज से आरमà¥à¤ हà¥à¤† 5 दिवसीय माठबगलामà¥à¤–ी महायजà¥à¤ž
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
आज सनातन धरà¥à¤® की आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• राजधानी हरीदà¥à¤µà¤¾à¤° के गà¥à¤°à¥ कारà¥à¤·à¥à¤£à¤¿ घाट पर सनातन वैदिक राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के निरà¥à¤®à¤¾à¤£,सनातन धरà¥à¤® तथा सनातन धरà¥à¤® के मानने वालों की बेटियो और परिवार सहित रकà¥à¤·à¤¾,सनातन धरà¥à¤® के सà¤à¥€ शतà¥à¤°à¥à¤“ के समूल विनाश तथा महायजà¥à¤ž के à¤à¤¾à¤— लेने वाले तथा सहयोग करने वाले à¤à¤•à¥à¤¤à¤—णों की सà¤à¥€ सातà¥à¤µà¤¿à¤• मनोकामनाओं की पूरà¥à¤¤à¤¿ हेतॠविजय और सदबà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ की देवी माठबगलामà¥à¤–ी तथा महादेव का पांच तक चलने वाले महायजà¥à¤ž का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठहà¥à¤†à¥¤à¤¯à¤¹ महायजà¥à¤ž उन सà¤à¥€ सनातन धरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बल देगा जो धरà¥à¤® और अपने बनà¥à¤§à¥,बांधव,मितà¥à¤°à¤—ण सहित अपने परिवार की रकà¥à¤·à¤¾ के लिये लड़ेंगे। महायजà¥à¤ž के मà¥à¤–à¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• अखंड परशà¥à¤°à¤¾à¤® अखाड़ा के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पंडित अधीर कौशिक है जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ के लिये आजीवन माठबगलामà¥à¤–ी महायजà¥à¤ž में यथासंà¤à¤µ सहयोग करने का संकलà¥à¤ª लिया।उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ही विधिवत माठगंगा की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करके महायजà¥à¤ž का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठकरवाया। महायजà¥à¤ž का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठकरते हà¥à¤ महामंडलेशà¥à¤µà¤° यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि सनातन धरà¥à¤® मे शतà¥à¤°à¥ विनाश और विजय के लिये माठबगलामà¥à¤–ी और महादेव की साधना से बà¥à¤•à¤° कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं है।माठबगलामà¥à¤–ी और महादेव की साधना का सबसे बड़ा उपाय मंतà¥à¤° जप और महायजà¥à¤ž है।वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ माठबगलामà¥à¤–ी और महादेव का महायजà¥à¤ž कलà¥à¤ªà¤µà¥ƒà¤•à¥à¤· के समान है जो मानव की सà¤à¥€ मनोकामना पूरà¥à¤£ करने में समरà¥à¤¥ है।आज जब हमारा समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ खतरे में है तो हमें माठबगलामà¥à¤–ी और महादेव की शरण में जाना ही चाहिये। यति नरसिंहानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने यह à¤à¥€ बताया कि उनका संकलà¥à¤ª है कि यह महायजà¥à¤ž कà¤à¥€ à¤à¥€ न रà¥à¤•à¥‡ और अननà¥à¤¤ काल तक चलता रहे।अà¤à¥€ इस महायजà¥à¤ž का लकà¥à¤·à¥à¤¯ देश के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– तीरà¥à¤¥à¥‹ में जाकर वहाठइसी तरह के पांच दिवसीय महायजà¥à¤ž करना है परनà¥à¤¤à¥ जैसे जैसे à¤à¤•à¥à¤¤à¤—ण जà¥à¥œà¤¤à¥‡ जायेगे और सहायक बà¥à¤¤à¥‡ जाà¤à¤‚गे यह महायजà¥à¤ž और अधिक पà¥à¤°à¤šà¤£à¥à¤¡ होता चला जायेगा।आशा है कि माठगंगा के तट से आरमà¥à¤ होकर यह महायजà¥à¤ž विशà¥à¤µ के हर कोने में आयोजित किया जाà¤à¤—ा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हर जीवित हिनà¥à¤¦à¥‚ से इस महायजà¥à¤ž में à¤à¤¾à¤—ीदारी करने का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया। महायजà¥à¤ž के शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठमें महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शिवानंद आचारà¥à¤¯ जी, महामंडलेशà¥à¤µà¤° डॉ अनà¥à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤£à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ जी,सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अमृतानंद जी,सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ललितानंद जी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बलराम मà¥à¤¨à¤¿,सनोज शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जी,कृषà¥à¤£ विलà¥à¤²à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¦à¥à¤µà¤¾à¤œ,अशोक पांडेय, अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ तथा अनà¥à¤¯ गणमानà¥à¤¯ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने à¤à¤¾à¤— लिया। यहाठयह बात à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने योगà¥à¤¯ है कि शिवशकà¥à¤¤à¤¿ धाम डासना के अधिषà¥à¤ ाता महामंडलेशà¥à¤µà¤° यति नरसिंहानंद गिरी जी ने अपने जीवन मे केवल सनातन धरà¥à¤® और सनातन धरà¥à¤® के मानने वालों की रकà¥à¤·à¤¾ और सनातन धरà¥à¤® के शतà¥à¤°à¥à¤“ के विनाश के लिये ही सदैव माठऔर महादेव का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया है।