परमारà¥à¤¥ निकेतन में दो दिवसीय नमामि गंगे इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¿à¤•à¤² मà¥à¤¯à¥‚जिक फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² का आयोजन किया गया जिसमें à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ संगीतजà¥à¤žà¥‹à¤‚ ने सहà¤à¤¾à¤— कर माठगंगा को अपना संगीत समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤¯à¥‚रो
ऋषिकेश, 30 दिसमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन में दो दिवसीय नमामि गंगे इणà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¿à¤•à¤² मà¥à¤¯à¥‚जिक फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² का आयोजन किया गया जिसमें à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ संगीतजà¥à¤žà¥‹à¤‚ ने सहà¤à¤¾à¤— कर माठगंगा को अपना संगीत समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किया। परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी, जीवा की अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ महासचिव साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ और अनà¥à¤¯ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर नमामि गंगे इनà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¿à¤•à¤² मà¥à¤¯à¥‚जिक फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ किया। नमामि गंगे माठगंगा के कायाकलà¥à¤ª और पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤° के लिये कई उतà¥à¤¸à¤µà¥‹à¤‚ का आयोजन करता है। माठगंगा की सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾ हेतॠजनजागरूकता के लिये नमामि गंगे दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कहानियों, लोककथाओं, पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ हसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ संवाद, पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥€, पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ कलाकारों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नृतà¥à¤¯ तथा संगीत पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ और पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से माठगंगा के आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• महतà¥à¤µ को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡ हेतॠकई आयोजन किये जाते है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से ही संगीत की à¤à¤• समृदà¥à¤§ और पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ रही है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कला के रूप में संगीत पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से ही à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में à¤à¤• विशिषà¥à¤Ÿ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखता है। संगीत दिल से निकलता हैं और दिलों को छू लेता हैं। यह à¤à¤• सोच को जनà¥à¤® देता है सोच à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ बीज है जिससे पूरी सृषà¥à¤Ÿà¤¿ बदल जाती है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संगीत सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š पà¥à¤°à¥‡à¤® का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है जिसमें à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, शकà¥à¤¤à¤¿ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ समाहित है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि संगीत के माधà¥à¤¯à¤® से माठगंगा सहित अनà¥à¤¯ नदियों की वà¥à¤¯à¤¥à¤¾ अतà¥à¤¯à¤‚त मारà¥à¤®à¤¿à¤• à¥à¤‚ग से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की जा सकती है ताकि जनजागरण हो। हमारा संगीत à¤à¤¸à¤¾ हो जिसके माधà¥à¤¯à¤® से हमारा परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ à¤à¥€ गà¥à¤¦à¤—à¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ और खिलखिलायें। हमारा संगीत जागरण, पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ और यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को दिशा देने का कारà¥à¤¯ करें। साधà¥à¤µà¥€ à¤à¤—वती सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि संगीत, मधà¥à¤°à¤¤à¤¾ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। जहां संगीत है वहां पर मिठास है। उस मिठास को पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के साथ साà¤à¤¾ करें तो पूरा वातावरण मधà¥à¤®à¤¯ हो जायेगा और नमामि गंगे इनà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¿à¤•à¤² मà¥à¤¯à¥‚जिक फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² यही संदेश लेकर आया है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मंजà¥à¤·à¤¾ रंजन जी ने कहा कि परमारà¥à¤¥ निकेतन के दिवà¥à¤¯ वातावरण में मà¥à¤¯à¥‚जिक फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² के माधà¥à¤¯à¤® से चारों ओर दिवà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का संचार हो रहा है। इस फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² को पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी का सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ और आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† यह हम सब के लिये गौरव का विषय है। नामामि गंगे इनà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¨ कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¿à¤•à¤² मà¥à¤¯à¥‚जिक फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² में पंडित नवल किशोर मलिक, पंडित संतोष कà¥à¤®à¤¾à¤° नाहर, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मंजà¥à¤·à¤¾ रंजन, शà¥à¤°à¥€ नीलेश निकेश मलिक, ऋषिकाननà¥à¤¦ तिवारी , शà¥à¤°à¥€ संतोष कà¥à¤®à¤¾à¤°, शà¥à¤°à¥€ चितà¥à¤°à¤¾à¤‚क पंत, सोनम, डाॅ पंडित संतोष कà¥à¤®à¤¾à¤° और अनà¥à¤¯ संगीतजà¥à¤žà¥‹à¤‚ ने सहà¤à¤¾à¤— कर अपने संगीत से सà¤à¥€ शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को मंतà¥à¤° मà¥à¤—à¥à¤§ किया।