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सोच और व्यवहार में परिवर्तन ही सिंगल यूज प्लास्टिक का समाधान - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने वेस्ट टू एनर्जी व कचरे से कंचन का संदेश देते हुये कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट से निपटने के लिये युवाओं को वेस्ट टू एनर्जी के सिद्धान्त के साथ आगे बढ़ना होगा।

रिपोर्ट  - à¤†à¤² न्यूज भारत

ऋषिकेश, 6 जनवरी। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने वेस्ट टू एनर्जी व कचरे से कंचन का संदेश देते हुये कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट से निपटने के लिये युवाओं को वेस्ट टू एनर्जी के सिद्धान्त के साथ आगे बढ़ना होगा। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन भारत में 1.5-4 मिलियन कचरा बीनने वालों की आय के लगभग आधे भाग का निर्माण करता है। प्लास्टिक का एक बड़ा हिस्सा ‘सिंगल-यूज’ या ‘थ्रोअवे प्लास्टिक पैकेजिंग’ का है इस पर रोक लगाना हम सभी नागरिकों का परम कर्तव्य है। स्वामी जी ने कहा कि जल वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान समय में जल की समस्या को देखें तो वर्ष 2030 तक पीने का पानी 50 प्रतिशत तक कम हो जायेगा अर्थात भारत में अभी जितना जल है उससे आधा ही रह जायेगा यह अत्यंत चिंतन का विषय है। स्वामी जी ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि प्लास्टिक कचरा सीवरों को अवरुद्ध करता है, समुद्री जीवन को खतरे में डालता है और लैंडफिल या प्राकृतिक वातावरण में रहने वाले सभी जीवों के स्वास्थ्य के लिये खतरा उत्पन्न करता है। हमंेे एकल उपयोग प्लास्टिक को बिल्कुल बंद करना होगा क्योंकि नदियां और महासागर प्लास्टिक से भरते जा रहे है। जिसके कारण हर वर्ष 1 लाख से अधिक जलीय जंतु मरते है और आज हमारे सामने लगभग 6Û3 अरब टन प्लास्टिक के ढेर लग चुके है। एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा और इसके लिये जन समुदाय को भी जागरूक करना होगा नहीं तो वह समय दूर नहीं जब प्लास्टिक हमारे विनाश की पटकथा लिखेगा। स्वामी जी ने कहा कि हम सभी को अपनी सोच और अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा। अपनी गंगा, हमारी अन्य नदियों, अपने पर्यावरण और अपनी धरा को स्वच्छ बनायें रखने के लिये योगदान देना होगा। हम सभी संकल्प करें कि हम और हमारी आने वाली पीढ़ियों का जीवन प्लास्टिक विष से भरा हुआ न हो बल्कि हमारा जीवन और हमारा पर्यावरण अमृत से भरा हुआ हो न की विष से। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने आज की गंगा आरती में सभी को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का संकल्प कराया।

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