à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨.;पी.जी. काॅलेज में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के तकनीकी सतà¥à¤° की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° पी à¤à¤¸ चौहान à¤à¤µà¤‚ समापन सतà¥à¤° की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ डॉकà¥à¤Ÿà¤° अवनीत कà¥à¤®à¤¾à¤° घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤² ने की ।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° 29 दिसमà¥à¤¬à¤°, 2019 ।à¤à¤¸.à¤à¤®.जे.à¤à¤¨.;पी.जी. काॅलेज में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के तकनीकी सतà¥à¤° की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° पी à¤à¤¸ चौहान à¤à¤µà¤‚ समापन सतà¥à¤° की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ डॉकà¥à¤Ÿà¤° अवनीत कà¥à¤®à¤¾à¤° घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤² ने की । इस राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ का आयोजन à¤à¤¸ à¤à¤® जे à¤à¤¨ पीजी कॉलेज,उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ शोधॠकेनà¥à¤¦à¥à¤°, देहरादून à¤à¤µà¤‚ हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° नागरिक मंच के संयà¥à¤•à¥à¤¤ ततà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤¨ मे आयोजित किया गया। इस कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ राजà¥à¤¯ के विशेष सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में जल संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠकिये जा रहे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ व तकनीकों से जागरà¥à¤• किया गया। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ तकनीकी सतà¥à¤° के विषय विशेषजà¥à¤ž डॉ नरेश कà¥à¤®à¤¾à¤° गरà¥à¤— ने कहा किजीवन के लिठपà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का à¤à¤• अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯ व अमूलà¥à¤¯ उपहार है - जल। जीवन जल के बिना संà¤à¤µ नहीं। जब मानवों की संखà¥à¤¯à¤¾ पृथà¥à¤µà¥€ पर कम थी, तब जल के उपयोग के लिठवà¥à¤¯à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ सà¥à¤¤à¤° पर लिठगये निरà¥à¤£à¤¯à¥‹à¤‚ से कोई समसà¥à¤¯à¤¾ नहीं थी। परनà¥à¤¤à¥ जनसंखà¥à¤¯à¤¾ के लगातार बà¥à¤¨à¥‡ के साथ जल (पीने योगà¥à¤¯) की मांग व पूरà¥à¤¤à¤¿ के मधà¥à¤¯ अंतर अधिक बà¥à¤¨à¥‡ से यह विचार करना आवशà¥à¤¯à¤• लगने लगा कि किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पेय जल की मांग व पूरà¥à¤¤à¤¿ के मधà¥à¤¯ संतà¥à¤²à¤¨ बना रहें। समषà¥à¤Ÿà¤¿ सà¥à¤¤à¤° पर, बढ़ती जनसंखà¥à¤¯à¤¾ व आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास के लिठकिये जा रहे पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से जल का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— निरंतर बढ़ता जा रहा है, साथ ही जल पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण में à¤à¥€ लगातार वृदà¥à¤§à¤¿ होती जा रही हैं। वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• अनà¥à¤¸à¤‚धानों से पेय जल की उपलबà¥à¤§ मातà¥à¤°à¤¾ में समय-समय पर निरपेकà¥à¤· वृदà¥à¤§à¤¿ करने के लिठपà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किये जाते रहे हैं à¤à¤µà¤‚ आगे à¤à¥€ जारी रहेंगे। सरकारी व गैर-सरकारी संगठन à¤à¥€ पेय जल संरकà¥à¤·à¤£ के लिठउपयोग मातà¥à¤°à¤¾ को नियंतà¥à¤°à¤£ करने के लिठलगातार नियंतà¥à¤°à¤• व पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रूप में कारà¥à¤¯ कर रहे हैं। डॉ गरà¥à¤— ने कहा कि à¤à¤¸à¤¾ लगता है कि समषà¥à¤Ÿà¤¿ सà¥à¤¤à¤° पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में कोई बड़ा आशावादी परिवरà¥à¤¤à¤¨ नहीं हो पा रहा है। परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प, समषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—त दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से जल की मांग निरंतर बढ़ती जा रही है व जलापूरà¥à¤¤à¤¿ के लिठà¤à¤‚डार निरंतर कम होते जा रहे हैं। सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ निरंतर चिंताजनक होती जा रही हैं। वà¥à¤¯à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से यदि देखें तो कà¥à¤› वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जल का उपयोग कम करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करते हैं ।समाज के à¤à¤• बड़े व अधिक कà¥à¤°à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿ वाले समूह दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आॅटोमेटिक वाशिंग मशीनों के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— से, अपने गृहों मे सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ लाॅन व बगीचे की सिंचाई से, अपनें वृहदॠघरों में अधिक संखà¥à¤¯à¤¾ में नलों से, बोरवेल से जिसकी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ धनी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में बà¥à¤¤à¥€ जा रही हैं, कारो की धà¥à¤²à¤¾à¤ˆ से, इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ तरीकों के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के कारण जल के अधिक पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करने से समषà¥à¤Ÿà¤¿ सà¥à¤¤à¤° पर जल की बचत करने के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ विफल ही हो रहे हैं। आरà¥à¤¥à¤¿à¤• विकास के लिठउदà¥à¤¯à¥‹à¤—ों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ की जा रही गतिविधियों से जल का उपयोग à¤à¥€ निरंतर बढ़ ही रहा है साथ ही, जल पà¥à¤°à¤¦à¥‚षण की समसà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥€ बढ़ती जा रही हैं जिसके कारण पेय जल के सà¥à¤°à¥‹à¤¤ निरंतर कम होते जा रहे हैं। à¤à¤¸à¤¾ देखने में आया है कि जल के उपयोग के लिठदी जाने वाली कीमत या तो बिलà¥à¤•à¥à¤² नहीं है या बहà¥à¤¤ कम है। इसके चाहे कोई à¤à¥€ कारण हो, समाज की à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¥€ को तो जल संकट का सामना करना ही पड़ेगा। वासà¥à¤¤à¤µ में, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹ के अधिक जल उपयोग के कारण ऋणातà¥à¤®à¤• बाहयताà¤à¤‚ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती जा रही हैं। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के विषय विशेषजà¥à¤ž पà¥à¤°à¥‹. आई.पी. पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ ने जानकारी देते हà¥à¤ कहा कि हमारी जीवन की पूरी दिनचरà¥à¤¯à¤¾ ही जल से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होकर जल पर ही समापà¥à¤¤ होती है, किसी à¤à¥€ कारà¥à¤¯ के लिठहमें उचित मातà¥à¤°à¤¾ में ही जल का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करना चाहिà¤à¥¤ जल की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ हमारे घर से ही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ होती है। कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में डॉ आननà¥à¤¦ शंकर ने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि जीवन की दिनचरà¥à¤¯à¤¾ में जल का उचित पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करके जल संरकà¥à¤·à¤£ का किया जा सकता है। डॉ आलोक कà¥à¤®à¤¾à¤° ने कहा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सामाजिक सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जल संरकà¥à¤·à¤£ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया कि राजà¥à¤¯ सरकार की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ योजनाओं में हिसà¥à¤¸à¤¾ लेकर हम जल संरकà¥à¤·à¤£ कर सकते हैं। डीà¤à¤µà¥€ पीजी कॉलेज देहरादून के डॉ पà¥à¤·à¥à¤ªà¥‡à¤‚दà¥à¤° शरà¥à¤®à¤¾ ने जैव विविधता के संरकà¥à¤·à¤£ हेतॠजल संवरà¥à¤§à¤¨ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ बताई ।देव संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के डॉकà¥à¤Ÿà¤° पंकज सैनी तथा डॉ सà¥à¤§à¤¾à¤‚शॠकौशिक ने जल संकट तथा परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ जागरूकता पर अपना शोध शोध पà¥à¤°à¤¬à¤‚ध पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया ।à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वनà¥à¤¯à¤œà¥€à¤µ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ देहरादून के आकाश मोहन रावत à¤à¤µà¤‚ उनकी टीम ने समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ कि किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से जल संकट कई जीव पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठखतरे का अलारà¥à¤® बना हà¥à¤† है। चिनà¥à¤®à¤¯ डिगà¥à¤°à¥€ कॉलेज की डॉकà¥à¤Ÿà¤° संधà¥à¤¯à¤¾ वैदà¥à¤¯ ने जल संरकà¥à¤·à¤£ के लिठवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त जागरूकता पर बल दिया ।