ऋषिकेश,परमारà¥à¤¥ निकेतन में नव वरà¥à¤· की पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर दो दिवसीय संगीत संधà¥à¤¯à¤¾ का आयोजन किया गया। इसमें उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡, दिलà¥à¤²à¥€, बिहार, उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सहित देश के अनà¥à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के संगीतजà¥à¤ž पधारे।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश,परमारà¥à¤¥ निकेतन में नव वरà¥à¤· की पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर दो दिवसीय संगीत संधà¥à¤¯à¤¾ का आयोजन किया गया। इसमें उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡, दिलà¥à¤²à¥€, बिहार, उतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सहित देश के अनà¥à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के संगीतजà¥à¤ž पधारे। संगीत के माधà¥à¤¯à¤® से परमारà¥à¤¥ निकेतन गंगा तट से देश के संगम, सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾, सदà¥à¤à¤¾à¤µ à¤à¤µà¤‚ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ का संदेश पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया। दो दिवसीय संगीत संधà¥à¤¯à¤¾ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज, पंडित उदय कà¥à¤®à¤¾à¤°, सितार वादक, डाॅ चंदà¥à¤°à¤¿à¤®à¤¾ मजूमदार, शà¥à¤°à¥€ à¤à¥‚वन चनà¥à¤¦à¥à¤° à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ संगीतजà¥à¤ž, शà¥à¤°à¥€ नीलेश जी, तबला वादक शà¥à¤°à¥€ संतोष कà¥à¤®à¤¾à¤° जी, शà¥à¤°à¥€ सोमनाथ निरà¥à¤®à¤² जी, शà¥à¤°à¥€ मोहन सिंह रावत जी, शà¥à¤°à¥€ राज कà¥à¤®à¤¾à¤° à¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ विशिषà¥à¤Ÿ अतिथियों ने दीप पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¤µà¤²à¤¿à¤¤ कर किया। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन पंडित चंदर कà¥à¤®à¤¾à¤° मलिक, मेमोरियल चैरिटेबल टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने कहा कि आज परमारà¥à¤¥ निकेतन के पावन गंगा तट पर संगीत के माधà¥à¤¯à¤® से सà¥à¤µà¤šà¥à¤›à¤¤à¤¾, समरसता, सदà¥à¤à¤¾à¤µ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ का महासंगम हो रहा है। यहां से उठी संगीत की लहरें हमें वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤®à¥ का संदेश दे रही है। संगीत की लहरें माठगंगा की तरंगों और लहरों के साथ मिलकर मिलन की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का; à¤à¤•à¤¤à¥à¤µ का और हम सब à¤à¤• हैं, à¤à¤• परिवार के सदसà¥à¤¯ है का संगीत सà¥à¤¨à¤¾ रही हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी महाराज ने कहा कि संगीत दिलों को बदलता है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि संगीत मन के à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करता है। संगीत के माधà¥à¤¯à¤® से हम पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परमातà¥à¤®à¤¾ से जà¥à¥œ सकते है। ंसंगीत वह दिवà¥à¤¯ अनà¥à¤à¥‚ति है जो मन को शानà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि संगीत की कोई à¤à¤¾à¤·à¤¾ नहीं होती यह तो मन के à¤à¤¾à¤µ है जिसके माधà¥à¤¯à¤® से हम परमातà¥à¤®à¤¾ से जà¥à¥œ सकते है। नववरà¥à¤· की पूरà¥à¤µ संधà¥à¤¯à¤¾ पर आयोजित संगीत संधà¥à¤¯à¤¾ में संगीतजà¥à¤žà¥‹à¤‚ ने अविसà¥à¤®à¤°à¥à¤£à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ दी सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने सà¤à¥€ गायकों और संगीतजà¥à¤žà¥‹à¤‚ को रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· की माला और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• रूदà¥à¤°à¤¾à¤•à¥à¤· का पौधा à¤à¥‡à¤‚ट कर सà¤à¥€ का अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ किया। परमारà¥à¤¥ निकेतन में संगीत का आननà¥à¤¦ लेने आये साधक और शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ मधà¥à¤° संगीत का शà¥à¤°à¤µà¤£ कर à¤à¤¾à¤µ विà¤à¥‹à¤° हो उठे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने सà¤à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को à¤à¤•à¤² उपयोग पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• का उपयोग न करने का संकलà¥à¤ª कराया।