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लापरवाही से देहरादून में हो रही है गायों की मौत कौन है जिम्मेदार?


देहरादून के केदारपुरम में बने कांजी हाउस की हालत इतनी बदतर है कि यहां फैली गंदगी से ही पता चलता हैं। यहां पर रह रही गाय शायद ही कोई ऐसा दिन जाता हो जिस दिन गाय ना मर रही हैं बाकी जो गाय हैं वो मरणासन्न हालत में हैं।

रिपोर्ट  - 

देहरादून के केदारपुरम में बने कांजी हाउस की हालत इतनी बदतर है कि यहां फैली गंदगी से ही पता चलता हैं। यहां पर रह रही गाय शायद ही कोई ऐसा दिन जाता हो जिस दिन गाय ना मर रही हैं बाकी जो गाय हैं वो मरणासन्न हालत में हैं। ऐसे में इन तमाम गाय के चारा, पानी उचित देखभाल मैं इतनी लापरवाही करना तो तो सवाल खड़ा होना तो लाजमी हैं। गौ सरक्षंण का दावा करने वाली प्रदेश की भाजपा शासनकाल मे ही इस कांजी हाउस की शुरुआत की गई थी। दरअसल सड़को पर घूमने वाले अनाथ पशुओ यानी गाय और बछड़ो को सड़कों से उठाकर यहां लाते हैं। इस कांजी हाउस में गायों की देखभाल करने के उद्देश्य से ही नींव रखी गई थी। बावजूद इसके जिस उद्देश्य से इस कांजी हाउस की शुरुआत की गई थी नगर निगम का सरकारी तंत्र उस उद्देश्य से पूरी तरह मानो भटक गया हैं। नतीजा आए दिन इस कांजी हाउस में गाय काल के गाल में समां रही हैं, जिसके चलते कांजी हाउस के समस्त स्टाफ की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं। कांजी हाउस में गऊ माता की सेवा और सरक्षंण कम मौत के मुंह मे धकेलने का ज्यादा प्रयास होता हुआ नजर आ रहा हैं। ऐसा हम नही कह रहे हैं बल्कि कांजी हाउस में मौजूद तस्वीरे बया कर रही हैं। कांजी हाउस में गायों की स्थिति देखकर किसी को भी दया आ जाए। जिन गायों की सेवा के लिए डॉक्टर और कर्मचारियों को तैनात किया गया है उन्हीं की इस लापरवाही के कारण वो तिल-तिल कर दम तोड़ रही हैं। इस वक्त कांजी हाउस में 435 गाय मौजूद हैं। जिनके खाने पीने का इंतजाम करने के अलावा अन्य सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा शहरी विकास के पास है। कांजी हाउस में गायों की स्थिति को लेकर जब हमारी टीम ने मौके पर पहुंचकर, कांजी हाउस में काम कर रहे कर्मचारियों से बात करनी चाही तो कोई भी कैमरे पर आने को तैयार नहीं हुए। जबकि स्थानीय जनता कांजी हाउस में गाय की दुर्दसा और आए दिन होने वाली गाय की मौत से बहुत ज्यादा दुखी हो रहे हैं। वही, इस मामले पर देहरादून नगर निगम मेयर से सवाल किया तो मेयर सुनील उनियाल गामा पहले तो साफ़ साफ़ शब्दों में मुकरते नज़र आये, जब मामला मेयर के संज्ञान में आया तो मेयर सुनील उनियाल गामा ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कराने की बात कही। गौ माता की देखरेख करने वाले स्टाफ में दोषी पाए जाने वाल कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का भी भरोसा दिलाया है। यही नहीं मेयर ने गाय माता के संरक्षण के प्रति संकल्प बद्ध होने की बात भी कही। एक नजर डालते हैं बीते कुछ समय मे मरने वाली गौ माता के आकड़ों पर1 जुलाई - 3 गायों की हुई मौत 3 जुलाई - 3 गायों की मौत 4 जुलाई - 4 गायों की मौत 5 जुलाई - 1 गाय की हुई मौत 7 जुलाई - 3 गायों की मौत 8 जुलाई - 5 गायों की मौत 10 जुलाई -10 गायों की मौत 11 जुलाई - 2 गायों की मौत 12 जुलाई - 2 गायों की मौत 15 जुलाई - 5 गायों की मौत 16 जुलाई - 1 गाय की मौत 17 जुलाई - 3 गायों की मौत 18 जुलाई - 2 गायों की मौत 19 जुलाई - 6 गायों की मौत 20 जुलाई - 4 गायों की मौत 21 जुलाई - 4 गायों की मौत 22 जुलाई - 4 गायों की मौत 23 जुलाई - 6 गायों की मौत 24 जुलाई - 6 गायों की मौत 25 जुलाई - 2 गायों की मौत 26 जुलाई - 7 गायों की मौत 27 जुलाई - 5 गायों की मौत 28 जुलाई - 3 गायों की मौत 29 जुलाई - 1 गाय की मौत 30 जुलाई - 9 गायों की मौत 31 जुलाई - 4 गायों की मौत

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