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लता जी शांति, देशभक्ति, मिठास, प्रेम और करुणा की प्रतिमूर्ति - स्वामी चिदानन्द सरस्वती


परमार्थ निकेतन माँ गंगा के पावन तट से महान पाश्र्वगायिका और स्वर साम्राज्ञी, भारत रत्न लता मंगेशकर जी को महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर शिव संगीत के माध्यम से भावाजंलि अर्पित की। प्रसिद्ध गायिका मधुश्री ने अपने भजनों के माध्यम से संगीत साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी को याद किया।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

ऋषिकेश, 28 फरवरी। परमार्थ निकेतन माँ गंगा के पावन तट से महान पाश्र्वगायिका और स्वर साम्राज्ञी, भारत रत्न लता मंगेशकर जी को महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर शिव संगीत के माध्यम से भावाजंलि अर्पित की। प्रसिद्ध गायिका मधुश्री ने अपने भजनों के माध्यम से संगीत साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी को याद किया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में प्रसिद्ध उद्योगपति दिनेश शहारा जी और विश्व के अनेक देशों से आये श्रद्धालु और शिव भक्तों की उपस्थिति में शिव संगीत के माध्यम से लता जी को भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सूरो की देवी लता मंगेशकर जी हमेशा हम सभी भारतीयों के दिलों में रहेंगी। लता मंगेशकर जी न केवल भारत के लिये बल्कि पूरी दुनिया के लिये एक अमूल्य वरदान थी। उन्होंने पूरी दुनिया को जो अमूल्य संगीत दिया है उसके लिए हम सभी की ओर से कृतज्ञता के साथ विनम्र नमन। उन्होंने न केवल अपने संगीत के माध्यम से बल्कि अपने कोमल व्यवहार से हर दिल को गहराई से छुआ। स्वामी जी ने कहा कि लता जी की सादगी, सरलता और निर्मल हृदय हर किसी को अपना दिवाना बना लेता था। वे भारत और भारत वासियों के साथ हर समय खड़ी रही। देश में क्रिकेट की बात हो या फिर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय चर्चा हो हर समय वे एक चिंतनशील वक्ता की तरह राष्ट्र के साथ खड़ी रही। स्वामी जी ने कहा कि लता जी का व्यक्तित्व अद्भुत था। उन्होंने अपने संगीत के माध्यम से देशभक्ति, प्रेम, करुणा, नम्रता और सादगी का संचार हर दिल में किया है। लता जी शांति, देशभक्ति, मिठास, प्रेम और करुणा की प्रतिमूर्ति थी। उद्योगपति दिनेश शहारा जी ने परमार्थ गंगा तट से स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी को श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि लता जी के संगीत की रौशनी युगों- युगों यूँ ही चमकती रहेगी ! आने वाली पीढ़ियाँ शायद ही विश्वास कर पायेगी की कोई कैसे पूरा जीवन इतनी मधूर आवाज़ के साथ गा सकता है। लता जी की उम्र बढ़ती गयी परन्तु आवाज़ की खनक वैसे ही बनी रही। हम सब भाग्यशाली है कि हमें उनके सान्निध्य प्राप्त हुआ। परमार्थ गंगा तट पर आज सभी श्रद्धालुओं ने गायिका मधुश्री जी के संगीत का आनन्द लिया सभी भक्त शिव की भक्ति में झूम रहे थे।

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