कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पंचायती अखाड़ा निरà¥à¤®à¤² में होली परà¥à¤µ पर संत समाज ने फूलों की होली खेली। इस दौरान संतो ने à¤à¤• दूसरे पर पà¥à¤·à¥à¤ªà¤µà¤°à¥à¤·à¤¾ कर होली की बधाई दी और विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की कामना की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 17 मारà¥à¤šà¥¤ कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरà¥à¤®à¤² में होली परà¥à¤µ पर संत समाज ने फूलों की होली खेली। इस दौरान संतो ने à¤à¤• दूसरे पर पà¥à¤·à¥à¤ªà¤µà¤°à¥à¤·à¤¾ कर होली की बधाई दी और विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की कामना की। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अखाड़ा परिषद के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा महानिरà¥à¤µà¤¾à¤£à¥€ के सचिव शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¹à¤‚त रविंदà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¥€ महाराज ने सà¤à¥€ को होली शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤‚ देते हà¥à¤ कहा कि पà¥à¤¯à¤¾à¤° à¤à¤°à¥‡ रंगों से सजा होली परà¥à¤µ धरà¥à¤®, संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ à¤à¤µà¤‚ जाति के बंधन खोलकर समाज को à¤à¤•à¤¤à¤¾ à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ का संदेश देता है। बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ पर अचà¥à¤›à¤¾à¤ˆ की जीत का यह परà¥à¤µ समसà¥à¤¤ देशवासियों के जीवन में खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ लाà¤à¤‚ यही संत समाज की कामना है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के सबसे खूबसूरत परà¥à¤µ होली को सà¤à¥€ को हरà¥à¤· और उलà¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ मनाना चाहिà¤à¥¤ शà¥à¤°à¥€ जयराम आशà¥à¤°à¤® के पीठाधीशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ महाराज ने कहा कि होली का परà¥à¤µ शांति à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¥‡à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ तथा à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¥‡ का संदेश देता है। होली परà¥à¤µ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की अदà¥à¤à¥‚त पहचान है। यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को संदेश देते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि नशे का परितà¥à¤¯à¤¾à¤— कर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व परंपराओं के अनà¥à¤°à¥‚प ही होली मनाà¤à¤‚। शà¥à¤°à¥€ पंचायती अखाड़ा निरà¥à¤®à¤² के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि राकà¥à¤·à¤¸ कà¥à¤² में जनà¥à¤® लेने के बाद à¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤²à¥à¤¹à¤¾à¤¦ ने à¤à¤—वान विषà¥à¤£à¥ की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ नहीं छोड़ी और अंत में सà¥à¤µà¤¯à¤‚ शà¥à¤°à¥€à¤¹à¤°à¤¿ ने दरà¥à¤¶à¤¨ देकर à¤à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤²à¥à¤¹à¤¾à¤¦ की रकà¥à¤·à¤¾ की। होली परà¥à¤µ पर सà¤à¥€ को ईरà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾ दà¥à¤µà¥‡à¤· à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर समाज को समरसता का संदेश देना चाहिà¤à¥¤ यही होली परà¥à¤µ का मà¥à¤–à¥à¤¯ सार है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रविदेव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, महंत निरà¥à¤®à¤²à¤¦à¤¾à¤¸ à¤à¤µà¤‚ महामंडलेशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि होली परà¥à¤µ à¤à¤•à¤¤à¤¾ और पà¥à¤°à¥‡à¤® का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं पूरे विशà¥à¤µ में मनाया जाता है। होली खेलते समय पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को अपने परिवेश के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक रहना चाहिठऔर यह धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिठकि होली के दौरान पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— होने वाले रंगों से किसी को à¤à¥€ किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ ना पहà¥à¤‚चे। होली परà¥à¤µ समाज में फैली कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समापà¥à¤¤ करने का परà¥à¤µ है। होली पर सà¤à¥€ को संकलà¥à¤ª लेना चाहिठकि किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का अनैतिक कारà¥à¤¯ ना करें और सà¤à¥€ लोग पà¥à¤°à¥‡à¤® और सदà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के साथ मिलजà¥à¤² कर à¤à¤• सशकà¥à¤¤ समाज का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करें। महंत अमनदीप à¤à¤µà¤‚ महंत जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ खेम सिंह महाराज ने कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में शामिल सà¤à¥€ संतों का फूल माला पहनाकर व चंदन का तिलक लगाकर सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। इस दौरान महंत गोविंददास, महंत रघà¥à¤µà¥€à¤° दास, महंत बिहारी शरण, महामणà¥à¤¡à¤²à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ संतोषानंद, महंत सूरजदास, महंत पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ दास, महंत रामानंद सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिवलà¥à¤²à¤ दास शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ऋषिशà¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦, महंत दिनेश दास आदि सहित बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में संत महापà¥à¤°à¥‚ष उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।