होलिका दहन, छोटी होली के पावन अवसर पर पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से चली आ रही परंपरा का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करते हà¥à¤ कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर शà¥à¤°à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ गढ़ी मंदिर में परंपरा अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ को चोला चढ़ाया गया |
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°à¥¤ होलिका दहन, छोटी होली के पावन अवसर पर पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से चली आ रही परंपरा का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करते हà¥à¤ कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ मंदिर शà¥à¤°à¥€ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ गढ़ी मंदिर में परंपरा अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ को चोला चढ़ाया गया और मंदिर की चोटी फर धà¥à¤µà¤œà¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ की गई। इस अवसर पर मंदिर के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ अरà¥à¤šà¤• डॉ आनंद बलà¥à¤²à¤ जोशी ने बताया कि हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ गढ़ी मंदिर का इतिहास 17 वी शताबà¥à¤¦à¥€ से पूरà¥à¤µ का है। यह मंदिर 108 मौनी बाबा à¤à¤µà¤‚ पंडित नारायण दतà¥à¤¤ शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ की साधना सà¥à¤¥à¤²à¥€ रही है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वरà¥à¤· मंदिर में चार बार रामनवमी, जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€, दीपावली, व होली को धरà¥à¤® धà¥à¤µà¤œà¤¾ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की जाती है। इसके साथ ही à¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ का संपूरà¥à¤£ शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार किया जाता है। परंपरा का निरà¥à¤µà¤¹à¤¨ करते हà¥à¤ इस वरà¥à¤· à¤à¥€ कोरोना काल के बाद बड़ी धूमधाम से à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मंदिर को सजाया और विधि विधान से à¤à¤—वान हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ काछोला शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गार और धà¥à¤µà¤œà¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ के साथ पूजन कारà¥à¤¯ संपनà¥à¤¨ किया गया। पंडित गजाधर शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ व पंडित विपिन चंदà¥à¤° à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ à¤à¥€ मौजूद रहे।