संकषà¥à¤Ÿà¥€ चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ वà¥à¤°à¤¤ रखा जा रहा है इसे संकट चौथ से पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¾ जानेवाला वà¥à¤°à¤¤ à¤à¥€ कहते हैं इस दिन à¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¤—वान गणेश को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करने के लिठवà¥à¤°à¤¤ रखते हैं।
रिपोर्ट - ऑल नà¥à¤¯à¥‚ज़ à¤à¤¾à¤°à¤¤
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में आज संकषà¥à¤Ÿà¥€ तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤° को धूमधाम से मनाया गया आज संकषà¥à¤Ÿà¥€ चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ वà¥à¤°à¤¤ रखा जा रहा है। इसे संकट चौथ से पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¾ जानेवाला वà¥à¤°à¤¤ à¤à¥€ कहते हैं। इस दिन à¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¤—वान गणेश को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करने के लिठवà¥à¤°à¤¤ रखते हैं और उनकी पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ करते हैं।संकषà¥à¤Ÿà¥€ चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ या संकट चौथ का वà¥à¤°à¤¤ संतान की लंबी उमà¥à¤° व खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² जीवन के लिठरखा जाता है ।साथ ही इस दिन विघà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥à¤¤à¤¾ à¤à¤—वान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है कि सकट चौथ का वà¥à¤°à¤¤ व इस दिन लंबोदर की पूजा से सारे संकट दूर हो जाते हैं और संतान की दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥ और सà¥à¤–द जीवन का वरदान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। संकट चौथ वà¥à¤°à¤¤ का महतà¥à¤µ संकट चौथ को संकषà¥à¤Ÿà¥€ चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€, वकà¥à¤°à¤¤à¥à¤‚डी चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€, तिलकà¥à¤Ÿà¤¾ चौथ के नाम से à¤à¥€ जाना जाता है। संकषà¥à¤Ÿà¥€ चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ का वà¥à¤°à¤¤ वैसे तो हर महीने में दो बार होता है लेकिन माघ महीने में पड़ने वाली संकषà¥à¤Ÿà¥€ चतà¥à¤°à¥à¤¥à¥€ की महिमा सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है।यह वà¥à¤°à¤¤ चंदà¥à¤°à¥‹à¤¦à¤¯ के बाद खोला जाता है।चंदà¥à¤°à¤®à¤¾ निकलने का समय आज 10 बजकर 34 मिनट है। संकषà¥à¤Ÿà¥€ चतà¥à¥à¤°à¥à¤¥à¥€ वà¥à¤°à¤¤ कथा- à¤à¤• बार मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ के लिठगईं तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दà¥à¤µà¤¾à¤° पर à¤à¤—वान गणेश को खड़ा कर दिया और कहा कोई अंदर न आ पाà¤à¥¤ लेकिन तà¤à¥€ कà¥à¤› देर बाद à¤à¤—वान शिव वहां पहà¥à¤‚च गठतो गणेश जी ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अंदर जाने से रोक दिया। à¤à¤—वान शिव कà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ हो गठऔर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥‚ल से गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया। पà¥à¤¤à¥à¤° गणेश का यह हाल देखकर मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ बहà¥à¤¤ दà¥,खी हà¥à¤ˆà¤‚ और शिव जी से अपने पà¥à¤¤à¥à¤° को जीवित करने का हठकरने लगीं। जब मां पारà¥à¤µà¤¤à¥€ ने शिव से बहà¥à¤¤ अनà¥à¤°à¥‹à¤§ किया तो à¤à¤—वान गणेश को हाथी का सिर लगाकर दूसरा जीवन दिया गया। तब से उनका नाम गजमà¥à¤– , गजानन हà¥à¤†à¥¤ इसी दिन से à¤à¤—वान गणपति को पà¥à¤°à¤¥à¤® पूजà¥à¤¯ होने का गौरव à¤à¥€ हासिल हà¥à¤† और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वरदान मिला कि जो à¤à¥€ à¤à¤•à¥à¤¤ या देवता आपकी पूजा व वà¥à¤°à¤¤ करेगा उनके सारे संकटों का हरण होगा और मनोकामना पूरी होगी।