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गंगा स्नान करने से होती है मोक्ष की प्राप्ति-स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी


श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि मकर संक्रांति का त्योहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में शामिल है जो सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ होती है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार, 14 जनवरी। श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि मकर संक्रांति का त्योहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में शामिल है। जो सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ होती है। नीलधार तट स्थित श्रीदक्षिण काली मंदिर के प्रांगण में श्रद्धालुओं को मकर संक्राति पर्व का महत्व बताते हुए स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने मकर संक्रांति सूर्योपासना का पर्व है। इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को सहस्त्र गुणा पुण्य फल की प्राप्ति होती है। क्योंकि आज ही के दिन पतित पावनी मां गंगा राजा भगीरथ के पीछे चलते हुए स्वामी कपिल मुनि के दर्शन कर सागर में निहित हुई थी। इस दिन गंगा स्नान कर सूर्य को अध्र्य दें, सूर्य नमस्कार करें। तिल का दान करें। ब्राह्मण को दक्षिणा दें। तिल दान करने से पैतृक व दैहिक शुद्ध होती है। भगवान सूर्य ज्ञान के देवता हैं। जो साधक को आध्यात्मिक ज्ञान व ऊर्जा प्रदान करते हैं। सूर्योपसना करने से आत्मिक शक्ति का विकास होता है। भौतिक जीवन में यश व ख्याति प्राप्त होती है। महाभारत युद्ध में घायल हुए भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने तक अपने प्राणों का परित्याग नहीं किया। शर सैय्या पर लेटे गंगा पु़त्र भीष्म सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा करते रहे। सूर्य के उत्तरायण होने पर ही उन्होंने अपने प्राणों का परित्याग किया। गंगा स्नान का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि हरिद्वार में कुशावर्त घाट, नीलधारा व विल्व पर्वत पर स्नान करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। गंगा जल कोई साधारण जल नहीं बल्कि दैविक शक्तियों से युक्त अमृत के समान है। गंगा के दर्शन, आचमन, स्नान व गंगा स्तुति करने से जन्म जन्मांतर के पापों का शमन हो जाता है। मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा जल के आचमन से मन व वाणी पवित्र होती है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को गंगा की स्वच्छता बनाए रखने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि गंगा शुद्धि अत्यन्त आवश्यक है। मकर संक्रंाति पर सभी को संकल्प लेना चाहिए कि वे गंगा को कतई अशुद्ध नहीं होने देंगे और इसे निर्मल, स्वच्छ और अविरल बनाए रखने में हरसंभव सहयोग करेंगे। आरएसएस के प्रांत प्रचारक पदम सिंह ने कहा कि संत महापुरूषों के आशीर्वाद से ही देश व समाज का कल्याण संभव है। संत महापुरूषों के सानिध्य में भारत विश्व गुरू बनने की राह पर अग्रसर है। उन्होंने भी सभी से गंगा की स्वच्छता बनाए रखने की अपील की। इस अवसर पर हनुमान मंदिर बरेली के व्यवस्थापक लाल बाबा, विनय रघुवंशी, अनुज कुमार, विद्यासागर जैन, गौरव, हरेंद्र रोहेला, प्रदीप अग्रवाल, अंकित, प्रभात कुमार गुप्ता, पंकज रघवंशी, राधाकान्ताचार्य, अतुल मगन, अंकुश शुक्ला, अनुज दुबे, अनुराग वाजपेयी, रामसिंह, आचार्य पवन दत्त मिश्र, सागर ओझा, पंडित प्रमोद पाण्डे आदि मौजूद रहे।

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